Evening Puja Rules: आखिर क्यों नहीं किया जाता शाम को पूजा में गायत्री मंत्र का जाप, जानें संध्या पूजा के नियम
Sham Ki Puja Ke Niyam: ज्योतिष शास्त्र में पूजा-पाठ करने के कुछ नियम बताए गए हैं, जिनका ध्यान रखने पर व्यक्ति को पूजा का पूरा फल मिलता है. अगर इन नियमों का ध्यान न रखा जाए तो पूजा का फल नहीं मिल पाता. जानें शाम की पूजा के जरूरी नियम के बारे में.
Puja ke niyam: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का विशेष महत्व बताया गया है. पूजा-पाठ करने से मन को शांति मिलती है और देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार घर में रोजाना सुबह-शाम आरती करने से सकारात्मकता का वास होता है. शास्त्रों में पूजा-पाठ के बारे में कुछ नियमों का जिक्र किया गया है. अगर इनका ध्यान रखा जाए, तो ही पूजा का पूरा फल प्राप्त हो सकता है. अगर इन नियमों का ध्यान न रखा जाए तो पूजा का फल नहीं मिल पाता. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस तरह से सुबह पूजा करना जरूरी है उसी तरह शाम की पूजा का भी बहुत महत्व है. लेकिन शाम की पूजा को लेकर भी कुछ नियमों के बारे में बताया गया है. जानें पूजा के कुछ जरूरी नियमों के बारे में.
शाम की पूजा के समय रखें इन बातों का ध्यान
- शास्त्रों के अनुसार शाम की पूजा के दौरान भगवान को भोग जरूर लगाना चाहिए. इसके साथ ही दीप भी जरूर प्रज्वलित करना चाहिए. आरती के समय घंटी का प्रयोग भी करना चाहिए.
- शास्त्रों के अनुसार तुलसी का पत्ता शाम को नहीं तोड़ना चाहिए. अगर भोग में तुलसी के पत्ते की जरूरत है तो पहले से ही तोड़कर रख लेना चाहिए. भोग लगाने से पहले दीप जरूर जलाना चाहिए.
- शास्त्रों के अनुसार शाम के समय गायत्री तंत्र का जाप नहीं किया जाता है इसलिए इस बात का विशेष ध्यान रखें कि शाम की पूजा में गायत्री मंत्र न पढ़ें.
- ऐसा माना जाता है कि गायत्री मंत्र का जाप हमेशा सूर्योदय से दो घंटे पहले और सूर्यास्त के एक घंटे बाद तक किया जाना चाहिए. वरना इसका पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता.
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गायत्री मंत्र का जाप मौन रहकर भी कर सकते हैं. लेकिन इसे रात में करने से बचें. बता दें कि गायत्री मंत्र का जाप स्नान के बाद पीले वस्त्र पहनकर करना लाभदायी रहता है.
- शास्त्रों के अनुसार अगर शाम की पूजा के बाद दीपक बुझ जाएं तो उसे दोबारा नहीं जलाना चाहिए. दीपक बुझने के बाद फूल-माला भगवान के सामने से हटा देनी चाहिए.
- शास्त्रों के अनुसार शाम की पूजा में हमेशा दो दीपक जलाने चाहिए. एक घी का और एक तेल का. ऐसा करना शुभ माना जाता है. कहते हैं इससे भगवान की कृपा बनी रहती है.
- शास्त्रों के अनुसार शाम की पूजा और आरती के बाद मंदिर के कपाट बंद कर देने चाहिए. इसके बाद मंदिर के कपाट सुबह पूजा क समय ही खोलने चाहिए.
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऊपर बताए गए नियमों का पालन करने पर ही पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है.
घर में नंदी की मूर्ति स्थापित करते समय जरूर ध्यान रखें ये बातें, तभी महादेव पूरी करेंगे हर मनोकामना!
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)