Govardhan Puja Importance: परंपरा यही है कि दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन भगवान की पूजा होती है. शास्त्रों के मुताबिक, कार्तिक माह में अमावस्या के दूसरे दिन प्रतिपदा को गोवर्धन पूजा का महत्व बताया जाता है. इस तरह गोवर्धन पूजा 25 अक्‍टूबर को होना थी क्‍योंकि दिवाली 24 अक्‍टूबर को मनाई जा रही है. हालांकि हर तिथि दो दिन पड़ने की वजह से और 25 अक्‍टूबर को सूर्य ग्रहण लगने की वज‍ह से कल यानी 25 तारीख को गोवर्धन पूजा करना मुश्किल है. आइए जानते हैं गोवर्धन पूजा का मुहूर्त कब है? 


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शुभ मुहूर्त के बारे में जान लीजिए (Shubh Muhurat)


पहले आपको बता दें कि कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर गोवर्धन पूजा की जाती है. इस तरीके से 25 अक्‍टूबर को ये पूजा होनी थी, लेकिन ये प्रतिपदा 25 अक्टूबर को शाम 4 बजकर 18 मिनट पर शुरू होने वाली है और 26 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 42 मिनट तक चलेगी. आपको बता दें कि गोवर्धन पूजा के लिए 26 अक्टूबर को पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 29 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 43 मिनट तक रहेगा. क्‍या 25 तारीख की शाम को गोवर्धन पूजा कर सकते हैं? आइए जानते हैं. 


क्‍या 26 अक्‍टूबर को कर सकते हैं गोवर्धन पूजा? 


इस साल 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण लग रहा है और ग्रहण के समय सूतक लग जाता है, ऐसे में कोई पूजा नहीं की जाती है. इसलिए 26 अक्‍टूबर को ही पूजा का मुहूर्त रहेगा.  


पूजा करने की विधि 


  • गोवर्धन पूजा के दिन घरों में गोवर्धन पर्वत बना लें. 

  • उसके आस पास गाय, बछरे आदि को लाकर उसपर चढ़ाया जाता है. हालांकि शहर में ये परंपरा चात्‍म हो रही है. गोधन नहीं होने की वजह से. 

  • फिर उस गोबर की पूजा की जाती है. उस पर मूली, मिठाई, पूरी का भोग लगाया जाता है. 

  • इस पर गोबर की आकृति बनाकर उसकी परिक्रमा लगाई जाती है. 

  • वहीं भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है. 

  • गोबर की आकृति पर चावल, रोली, मोली, सिंदूर, खीर चढ़ाई जाती है और उसके बाद पूजा की जाती  है.

  • गोवर्धन की आरती होती है. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. जी न्‍यूज हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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