चारधाम यात्रा के साथ ही Hemkund Sahib के कपाट खुलने की तारीख का भी हुआ ऐलान, इस दिन से श्रद्धालु कर सकेंगे दर्शन
सिखों के सबसे पवित्र धर्मस्थलों में से एक हेमकुंड साहिब की यात्रा 10 मई से शुरू होगी. इसी दिन से धर्मस्थल के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे. हेमकुंड साहिब की यात्रा को सबसे कठिन तीर्थ यात्राओं में से एक माना जाता है.
नई दिल्ली: चारधाम की यात्रा (Chardham Yatra) में केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री की यात्रा शामिल होती है. इन चारों धाम के कपाट सर्दियों में बर्फबारी की वजह से बंद हो जाते हैं और फिर गर्मियों में कपाट खुलते हैं ताकि श्रद्धालु दर्शन कर सकें. उत्तराखंड के चमोली जिले में ऐसा ही एक पवित्र धार्मिक स्थल सिखों का भी है जिसे हेमकुंड साहिब (Hemkund Sahib) के नाम से जाना जाता है. हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने की तारीखों का ऐलान भी हो गया है. इस बार हेमकुंड साहिब के कपाट 10 मई 2021 से खुलेंगे. पहले इसकी तारीख 1 जून थी लेकिन अब हेमकुंड साहिब प्रबंधन ट्रस्ट ने फैसला लिया है कि हेमकुंड साहिब के कपाट श्रद्धालुओं के लिए 10 मई से खोल दिए जाएंगे.
10 मई से शुरू होगी हेमकुंड साहिब की यात्रा
पिछले साल कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) की वजह से हेमकुंड साहिब की यात्रा बाधित रही थी. गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट का कहना है कि इस साल मौसम भी अनुकूल है, हेमकुंड साहिब के आसपास ज्यादा बर्फ भी नहीं है. इसलिए इस बार यात्रा 10 मई से शुरू होगी. यात्रा के मार्ग में जो बर्फ जमा है उसे हटाने का का काम अप्रैल के पहले सप्ताह में शुरू हो जाएगा.
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चारों तरफ से बर्फ की पहाड़ियों से घिरा है हेमकुंड साहिब
आपको बता दें कि हिमालय की गोद (Himalaya) में बसा हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा सिख धर्म (Sikhs) की आस्था का प्रतीक है. हजारों की तादाद में देश-विदेश से श्रद्धालु हर साल यहां दर्शन के लिए आते हैं. चारों तरफ से पहाड़ और बर्फ से ढकी चोटियों के बीच हेमकुंड साहिब समुद्र तल से 4329 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. हेमकुंड साहिब तक आने के लिए श्रद्धालुओं को बर्फीले रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है.
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हेमकुंड साहिब को लेकर सिख धर्म के श्रद्धालुओं का मानना है कि यहां पर सिख धर्म के 10वें गुरु, गुरु गोविंद सिंह साहिब (Guru Gobind Singh Ji) ने कई वर्षों तक महाकाल की आराधना की थी. गुरु गोविंद सिंह जी की तपस्थली होने के कारण सिख धर्म के लोगों में इस स्थान को लेकर अपार श्रद्धा है और वे तमाम दिक्कतों के बाद भी यहां पहुंचते हैं. हेमकुंड साहिब की यात्रा को सबसे कठिन तीर्थ यात्राओं में से एक माना जाता है.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले किसी विशेषज्ञ से संपर्क करें)