Trending Photos
नई दिल्ली: नीतियों के ज्ञाता आचार्य चाणक्य (Acharya Chanakya) ने चाणक्य नीति के अपने पहले ही अध्याय में यह बताया है कि वे इस नीति शास्त्र के जरिए शास्त्रों में बताए गए कर्त्तव्य, पाप-पुण्य, धर्म-अधर्म के बारे में आम लोगों तक जानकारी पहुंचाना चाहते हैं ताकि लोग ज्ञान प्राप्त कर अपने जीवन को बेहतर बना सकें. चाणक्य की ये नीतियां (Chanakya Niti) आज भी उतनी प्रासंगिक हैं जितनी सैंकड़ों साल पहले थीं.
चाणक्य नीति के पहले अध्याय के 15वें श्लोक में आचार्य चाणक्य ने लिखा है,
नखीनां च नदीनां च श्रृंगीणां शस्त्रपाणिनाम् ।
विश्वासौ नैव कर्तव्यः स्त्रीषु राजकुलेषु च।।
ये भी पढ़ें- दूसरों को भगुतनी पड़ती है इन 4 लोगों के पाप की सजा
अर्थात: बड़े-बड़े नाखून वाले प्राणियों का, तेजी से बहती नदी का, सींग वाले प्राणियों का, शस्त्रधारी लोगों का, स्त्रियों का और राज परिवार के लोगों का कभी भी भरोसा न करें. इन पर विश्वास करने वाले लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. हालांकि आचार्य चाणक्य इस श्लोक के माध्यम से यही बताना चाह रहे हैं कि किसी पर भी आंख मूंदकर भरोसा नहीं करना चाहिए और जब बात विश्वास की हो तो अपनी बुद्धि और विवेक का इस्तेमाल करना चाहिए.
इस श्लोक के माध्यम से चाणक्य यह बताना चाहते हैं कि तेज नाखून वाले और सिंग वाले जंगली जानवर शांत दिखने के बाद भी अचानक कब अशांत हो जाएं किसी को पता नहीं होता. कुछ ऐसा ही नदी के साथ भी है. नदी को पार करते वक्त उसकी गहराई और प्रवाह की जानकारी होनी चाहिए, नदी का वेग कब मुसीबत बन जाए पता नहीं होता. इसलिए इन चीजों का सामना होने पर आप खुद को कैसे संभालेंगे इस बारे में विचार करके ही कदम आगे बढ़ाना चाहिए.
ये भी पढ़ें- चाणक्य की ये 4 बातें आपकी आंखों से उतार देंगी अंधकार की पट्टी
इसके अलावा अगर किसी व्यक्ति के पास कोई हथियार यानी अगर कोई आपका दुश्मन है तो भले ही उसने अभी तक आपको नुकसान न पहुंचाया हो लेकिन उस पर भरोसा न करें क्योंकि वह कब नुकसान पहुंचा दे आपको पता भी नहीं होगा. स्त्रियों के बारे में अक्सर ऐसा कहा जाता है कि वे अपने मन की बात किसी से नहीं कहती हैं, इसलिए तुरंत उन पर या किसी पर भी भरोसा नहीं करना चाहिए.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले किसी विशेषज्ञ से संपर्क करें)