नई दिल्ली: वैसे तो देश में भगवान सूर्य के कई मंदिर मौजूद हैं. सूर्य देव के हर मंदिर में भगवान की मूर्ति विशेष पत्थर या धातु से बने हैं. आज एक ऐसे पुरातन सूर्य मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां भगवान सूर्य की मूर्ति किसी धातु या पत्थर से नहीं, बल्कि पेड़ की लकड़ी से बनी है. आइए जानते हैं इस अद्भुत सूर्य मंदिर के बारे में. 


कटारमल सूर्य मंदिर (Katarmal Sun Temple)


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देवभूमि उत्तराखंड के कटारमल सूर्य मंदिर में भगवान सूर्य साक्षात विराजमान हैं. दरअसल देवभूमि उत्तराखंड अल्मोड़ा जिले के अधेली सुनार नामक गांव में भगवान सूर्य का कटारमल सूर्य मंदिर स्थित है. यह मंदिर अल्मोड़ा शहर से तकरीबन 16 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है. कटारमल सूर्य मंदिर समुद्र तल से 2116 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. करते हैं कि यह सूर्य मंदिर कोणार्क के सूर्य मंदिर से भी 200 साल पुराना है. 


एक ही रात में हुआ था मंदिर का निर्माण


कटारमल सूर्य मंदिर का निर्माण 6ठीं से 9वीं शताब्दी के बीच हुआ था. दरअसल इस मंदिर का निर्माण कत्यूरी राजवंश के राजा कटारमल ने करवाया था. मंदिर के संबंध में मान्यता है कि राजा कटारमल ने इसका निर्माण एक ही रात में करवाया था. 


कटारमल सूर्य मंदिर की विशेषता (Features of Katarmal Sun Temple)


कटारमल सूर्य मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता ये है कि यहां की मूर्ति बरगद की लकड़ी से बनी है. जो कि अनोखी और अद्भुत है. सूर्य की मूर्ति बड़ की लकड़ी से बने होने के कारण इस मंदिर को बड़ आदित्य मंदिर भी कहा जाता है. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)