Khula In Islam: खुला और तलाक में है अंतर, मुस्लिम महिलाओं को दिया गया ये अधिकार
Khula Notice: इस्लाम (Islam) में महिलाओं को खुला (Khula) का अधिकार दिया गया है. अगर वह चाहें तो अपनी मर्जी से अपने शौहर से अलग हो सकती हैं. कुरान और हदीस में खुला के बारे में क्या लिखा है, आइए इसके बारे में जानते हैं.
Khula For Muslim Women: खुला (Khula) तलाक का ही एक अन्य रूप है. इसमें अंतर ये है कि यह महिला की तरफ से लिया जा सकता है. खुला के जरिए महिला अपने शौहर से संबंध तोड़ सकती है. जहां तलाक में पुरुष अपनी बीवी से अलग होने का फैसला करता है तो वहीं दूसरी तरफ खुला में बीवी अपने शौहर से अलग होने का फैसला करती है. खुला का जिक्र कुरान और हदीस में भी है. हालांकि, अगर कोई महिला अपने शौहर से खुला लेती है तो उसको अपनी जायदाद का कुछ हिस्सा वापस करना पड़ता है. हालांकि खुला के लिए शौहर और बीवी दोनों की रजामंदी होनी जरूरी है. खास बात ये है कि खुला का इच्छा सिर्फ बीवी ही रख सकती है.
खुला पर कुरान और हदीस में जिक्र
हजरत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रजि0 से रिवायत है कि हजरत सबित बिन कैस रजि0 की बीवी पैगंबर मोहम्मद के पास गईं और कहा कि ऐ अल्लाह के रसूल! सबित बिन कैस के दीन और अख्लाक पर ऐब नहीं लगाती अलबत्ता मैं इस्लाम में कुफ्र को नापसंद करती हूं.
पैंगबर ने क्या कहा?
यह सुनकर पैगंबर मोहम्मद ने सवाल किया कि क्या वह बाग (जो उसने तुम्हें महर में दिया था) उसे वापस कर सकती हो? उस औरत ने जवाब दिया हां! पैगंबर मोहम्मद स0 ने (साबित बिन कैस) से कहा कि बाग वापस ले लो और इसे एक तलाक दे दो. (हदीस: सहीह बुखारी- 5273)
कुरान में लिखी है ये बात
अल्लाह ताला कुरान में कहता है कि और तुम्हारे लिए हलाल नहीं कि तुमने जो कुछ उन्हें दिया है इसमें से कुछ वापस ले लो. मगर ये कि वह दोनों इससे डरें कि वह अल्लाह ताला की हदों को कायम नहीं रख सकेंगे, तो फिर उन पर कोई गुनाह और जुर्म नहीं कि वह इसका फदिया दें. (अलबकर: 229)
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