Shankh Naad: 29 जनवरी को हर साल विजय चौक पर बीटिंग द रिट्रीट (Beating The Retreat) समारोह का आयोजन किया जाता है. इसी के साथ गणतंत्र दिवस का औपचारिक समापन होता है. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी. इस समारोह में भारतीय थलसेना, भारतीय नौसेना, भारतीय वायुसेना और सीएपीएफ के संगीत बैंड 31 मनमोहक धुन बजाएंगे. इस कार्यक्रम की शुरुआत शंखनाद से होगी. आइए जानते हैं शंखनाद का महत्व.


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शंखनाद का महत्व
हिन्दू धर्म में भी शंखनाद यानी शंख बजाना का विशेष महत्व होता है. शंखनाद के बिना हर एक पूजा अधूरी मानी जाती है या कहा जा सकता है कि किसी भी उत्तम कार्य में शंख बजाने से अच्छा परिणाम मिलता है. 


 


नकारात्मकता होती है दूर
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शंख की ध्वनि से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी करते हैं. इसी के साथ शंख बजाने से घर की नकारात्मकता दूर होती है और सकारात्मकता का वास होता है. 


 


दूर होती हैं गंभीर बीमारियां
शंख बजाने से सांस से जुड़ी बीमारियां ठीक होती हैं. माना जाता है कि रोज शंख बजाने से शरीर स्वस्थ रहता है. इसके अलावा पेट, छाती, मूत्र रोग और गर्दन की बीमारियां दूर होती हैं और मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं. वहीं, अगर किसी को बोलने से जुड़ी बीमारी है तो उसे शंखनाद करना चाहिए. 


 


शंख के पानी का ऐसे करें इस्तेमाल
स्किन से जुड़ी बीमारियों से राहत पाने के लिए आप रात में शंख में पानी भर कर रखें और इस पानी की अगले दिन मालिश करें. दरअसल शंख में कैल्शियम होता है जो काफी फायदेमंद होता है.


 


दिल की बीमारियों के लिए
माना जाता है कि जो व्यक्ति निममित रूप से शंखनाद करता है उसे कभी हार्ट अटैक नहीं आता है और दिल की बीमारियों का खतरा भी कम हो जाता है. शंख बजाने से योगा की कुम्भक, रेचक और प्राणायाम योग क्रियाएं हो जाती हैं.


 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)