Jagannath Mandir in Vrindavan: राधा-कृष्‍ण की भूमि मथुरा-वृंदावन चमत्‍कारों की धरती है. यहां भगवान ने अपनी लीलाएं दिखाई हैं और आज भी यहां के मंदिर अपनी चमत्‍कारिक घटनाओं के लिए मशहूर हैं. हर साल लाखों की तादाद में देश-दुनिया से लोग मथुरा-वृंदावन आते हैं. ब्रज की भूमि पर बने कई मंदिर बेहद मशहूर हैं. इन सभी मंदिरों की अपनी अलग कहानियां हैं. ऐसा ही एक मंदिर है वृंदावन का जगन्‍नाथ मंदिर. इस मंदिर हर साल एक अजीब घटना होती है. 


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हर साल 16 दिन के लिए बीमार होते हैं भगवान जगन्‍नाथ 


माना जाता है कि भगवान की भक्ति करने से इंसान के सारे कष्‍ट, दुख दूर हो जाते हैं. लेकिन वृंदावन में एक ऐसी मंदिर है, जहां भगवान खुद ही बीमार पड़ जाते हैं. यहां तक कि इस दौरान वे भक्‍तों को दर्शन भी नहीं देते हैं. वृंदावन के जगन्‍नाथ मंदिर में विराजित भगवान जगन्‍नाथ हर साल 16 दिन के लिए बीमार पड़ते हैं. यह जगन्‍नाथ मंदिर वृंदावन के परिक्रमा रोड ज्ञानगुदड़ी के पास स्थित है. ओडिसा के पुरी की तरह यहां भी श्री जगन्नाथ रथ यात्रा निकाली जाती है, लेकिन इस यात्रा से पहले भगवान जगन्‍नाथ हर साल बीमार पड़ जाते हैं. 


स्‍नान के बाद भगवान होते हैं बीमार 


जगन्‍नाथ रथ यात्रा से 16 दिन पहले मंदिर में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा का देश भर की पवित्र नदियों और समुद्र जल से स्‍नान कराया जाता है, जिससे भगवान की तबियत खराब हो जाती है. इसके बाद भगवान विश्राम करते हैं. उन्‍हें औषधियां दी जाती हैं. तब कहीं जाकर 16 दिन बाद भगवान स्‍वस्‍थ होते हैं. इस दौरान भक्‍त उनके दर्शन भी नहीं कर पाते हैं. 16 दिन बाद भगवार के स्‍वस्‍थ होने पर उनका दूध-दही और घी आदि से अभिषेक किया जाता है. फिर गौमाता भगवान जगन्‍नाथ के दर्शन करती हैं और इसके बाद मंदिर के कपाट भक्‍तों के लिए खुलते हैं. 


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)