Naga Sadhu: कुंभ का मेला जल्द ही शुरू होने वाला है. इस दौरान नागा साधुओं की भीड़ आपको दिख जाएंगे. इन साधुओं को अक्सर आपने देखा होगा कि बिना कपड़े की जिंदगी जीते हैं. लेकिन वह अपने साथ अस्त्र जरूर रखते हैं. आखिर ऐसा क्यों? तो आज हम आपके मन में उठ रहे सवाल का जवाब बता रहे हैं. तो चलिए जानते हैं कि आखिर वह ऐसा क्यों करते हैं.


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शिव के उपासक होते हैं नागा साधू


सबसे पहले तो ये जान लें कि नागा साधू भगवान शिव के उपासक होते हैं. आदि शंकराचार्य की ओर से सनातन धर्म की रक्षा के लिए नागा साधू और अखाड़ों की स्थापना की थी. नागा साधु अपने आप को धर्म के रक्षक के रूप में मानते हैं. इसलिए अपने साथ हथियार रखते हैं. नागा साधू अपने साथ अस्त्र के तौर पर त्रिशूल, तलवार और भाला रखते हैं. हालांकि कुछ नागा साधुओं के पास गदा भी होता है. धार्मिक मान्यता है कि ये सभी अस्त्र अधर्म का विनाश करता है.


त्रिशूल भगवान शिव का प्रतीक


चूंकि त्रिशूल भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है और नागा साधू खुद को शिव के अनुयायी मानते हैं ऐसे में अपने साथ त्रिशूल रखते हैं. त्रिशूल को लेकर मान्यता है कि वह शक्ति, सृष्टि, और विनाश का प्रतीक है. त्रिशूल को भगवान शिव की शक्ति के रूप में देखा जाता है. वहीं तलवार और भाला वीरता का अस्त्र है.


अधर्म के नाश के लिए रखते हैं अपने पास


इन अस्त्रों को रखकर नागा साधु ऐसा मानते हैं कि वह अधर्म के नाश के लिए इसे धारण करते हैं. चूंकि नागा साधु अपने साथ जो अस्त्र रखते हैं उसे चलाने में वह सक्षम होते हैं. लेकिन, वह इसे अपने साथ हिंसा करने के लिए नहीं रखते हैं बल्कि धर्म और खुद की सुरक्षा के लिए इसे धारण करते हैं.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)