नवरात्रि में किस दिशा में रखनी चाहिए माता की मूर्ति? जानें देवी पूजा से जुड़े कुछ खास नियम
नवरात्रि का पर्व देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा का पर्व है. इस पावन पर्व में लोग अपने घरों में माता की प्रतिमा स्थापित कर पूजा करते हैं.
नवरात्रि का पर्व देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा का पर्व है. इस पावन पर्व में लोग अपने घरों में माता की प्रतिमा स्थापित कर पूजा करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि नवरात्रि में माता की मूर्ति को किस दिशा में रखना चाहिए? आइए जानते हैं देवी पूजा से जुड़े कुछ खास नियम.
माता की मूर्ति को किस दिशा में रखें?
पूर्व दिशा: वास्तु शास्त्र के अनुसार, देवी दुर्गा को पूर्व दिशा में स्थापित करना शुभ माना जाता है. पूर्व दिशा सूर्योदय की दिशा होती है और सूर्य को देवताओं का राजा माना जाता है. इसलिए पूर्व दिशा में देवी की स्थापना करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
उत्तर-पूर्व दिशा: उत्तर-पूर्व दिशा को भी देवी पूजा के लिए शुभ माना जाता है. इस दिशा को ईशान कोण भी कहा जाता है. इस दिशा में देवी की स्थापना करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है.
देवी पूजा से जुड़े कुछ खास नियम
शंख और घंटा: पूजा करते समय शंख बजाने और घंटा बजाने से वातावरण पवित्र होता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है.
दीपक: पूजा के समय घी का दीपक जलाना चाहिए. दीपक जलाने से घर में प्रकाश और उर्जा का संचार होता है.
अक्षत: पूजा के समय अक्षत चढ़ाने से देवी प्रसन्न होती हैं.
फूल: देवी को चढ़ाने के लिए ताजे फूलों का प्रयोग करना चाहिए.
सिंदूर: माता के माथे पर सिंदूर लगाना शुभ माना जाता है.
नैवेद्य: देवी को भोग लगाने के लिए शुद्ध और ताजा भोजन का प्रयोग करना चाहिए.
व्रत: नवरात्रि के दौरान व्रत रखना शुभ माना जाता है.
जागरण: नवरात्रि के दौरान जागरण करना भी शुभ माना जाता है.
नवरात्रि में क्या करें और क्या न करें?
नवरात्रि में घर को साफ-सुथरा रखें.
नवरात्रि में मांस-मदिरा का सेवन न करें.
नवरात्रि में झूठ न बोलें.
नवरात्रि में किसी का अपमान न करें.
नवरात्रि में गरीबों को दान करें.
नवरात्रि का पर्व देवी दुर्गा की आराधना का पर्व है. इस पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है. उपरोक्त नियमों का पालन करके आप देवी माता की कृपा प्राप्त कर सकते हैं और आपके घर में सुख-शांति का वास होगा.