Pradosh Vrat 2025 List: सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत महत्व माना जाता है. यह व्रत भगवान शिव की आराधना के लिए समर्पित रहता है. आज आपको हम अगले साल आने वाले प्रदोष व्रतों के पूरे कैलेंडर के बारे में बताने जा रहे हैं.
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Pradosh Vrat 2025 Dates: बस एक हफ्ते का इंतजार और. इसके बाद पूरी दुनिया वर्ष 2025 में प्रवेश कर जाएगी. इसी के साथ ही उम्मीदों और आकांक्षाओं का एक नया सफर शुरू होगा. अगर आप अगले साल जीवन में मानसिक शांति और सुख-शांति प्राप्त करना चाहते हैं तो प्रत्येक माह आने वाले प्रदोष व्रत जरूर करें. हिंदू पंचांग के मुताबिक, हर माह इस तरह के 2 प्रदोष व्रत आते हैं यानी सालभर में कुल 25 व्रत मिलेंगे. आइए जानते हैं कि वर्ष 2025 का पहला प्रदोष व्रत कब आएगा और अगले साल किन-किन तिथियों पर यह व्रत पड़ेगा.
वर्ष 2025 में प्रदोष व्रतों की सूची
1. शनि प्रदोष व्रत: 11 जनवरी 2025 (शनिवार)
2. सोम प्रदोष व्रत: 27 जनवरी 27, 2025 (सोमवार)
3. रवि प्रदोष व्रत: 9 फरवरी 2025 (रविवार)
4. भौम प्रदोष व्रत: 25 फरवरी 2025 (मंगलवार)
5. भौम प्रदोष व्रत: 11 मार्च 2025 (मंगलवार)
6. गुरु प्रदोष व्रत: 27 मार्च 2025 (गुरुवार)
7. गुरु प्रदोष व्रत: 10 अप्रैल 2025 (गुरूवार)
8. शुक्र प्रदोष व्रत: 25 अप्रैल 2025 (शुक्रवार)
9. शुक्र प्रदोष व्रत: 9 मई 2025 (शुक्रवार)
10. शनि प्रदोष व्रत: 24 मई 2025 (शनिवार)
11. रवि प्रदोष व्रत: 8 जून 2025 (रविवार)
12. सोम प्रदोष व्रत: 23 जून 2025 (सोमवार)
13. भौम प्रदोष व्रत: 8 जुलाई 2025 (मंगलवार)
14. भौम प्रदोष व्रत: 22 जुलाई 2025 (मंगलवार)
15. बुध प्रदोष व्रत: 6 अगस्त 2025 (बुधवार)
16. बुध प्रदोष व्रत: 20 अगस्त 2025 (बुधवार)
17. शुक्र प्रदोष व्रत: 5 सितंबर 2025 (शुक्रवार)
18. शुक्र प्रदोष व्रत: 19 सितंबर 2025 (शुक्रवार)
19. शनि प्रदोष व्रत: 4 अक्टूबर 2025 (शनिवार)
20. शनि प्रदोष व्रत: 18 अक्टूबर 2025 (शनिवार)
21. सोम प्रदोष व्रत: 3 नवंबर 2025 (सोमवार)
22. सोम प्रदोष व्रत: 17 नवंबर 2025 (सोमवार)
23. भौम प्रदोष व्रत: 2 दिसंबर 2025 (मंगलवार)
24. बुध प्रदोष व्रत: 17 दिसंबर 2025 (बुधवार)
वर्ष 2025 में आएंगे 4 शनि प्रदोष व्रत
उपरोक्त सूची के अनुसार नववर्ष 2025 में कुल 4 शनि प्रदोष व्रत आएंगे. इसके साथ ही 4 सोम प्रदोष व्रत और 5 भौम प्रदोष व्रत भी आएंगे. अगले साल 2 गुरु प्रदोष व्रत और 4 शुक्र प्रदोष व्रत आगमन करेंगे. यानी आपको अलग-अलग तिथियों में प्रदोष व्रत मनाने का अवसर मिलने वाला है. नए साल का पहला प्रदोष व्रत 11 जनवरी शनिवार को रखा जाएगा. यह व्रत पौष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को होगा. इसका प्रारंभ 11 जनवरी को सुबह 8 बजकर 21 मिनट से होकर समापन 12 जनवरी को सुबह 6 बजकर 33 मिनट पर होगा.
प्रदोष व्रत का क्या है महत्व?
ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार, प्रदोष व्रत देवों के देव महादेव की आराधना के लिए समर्पित हैं. कहते हैं कि प्रदोष व्रत रखने से जातक के सभी दुख-दर्द, संकट आर्थिक तंगी और परेशानियां मिट जाती हैं और घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है. समाज में उसका रुतबा बढ़ता है और लोग उसे सम्मान देते हैं. प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर यह व्रत रखा जाता है. इस व्रत की प्रमुख विशेषता ये है कि इस दिन महादेव की पूजा सूर्यास्त के बाद यानी प्रदोष काल में होती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)