Raksha Bandhan 2023 mein kab hai: हिंदू धर्म में बड़े पर्वों में से एक है रक्षाबंधन का पर्व. सावन महीने में मनाए जाने वाले इस त्‍योहार का भाई-बहन बेसब्री से इंतजार करते हैं. रक्षाबंधन सावन महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. आमतौर पर हर साल सावन पूर्णिमा या रक्षाबंधन का पर्व 10 से 15 अगस्‍त के बीच पड़ता है लेकिन इस साल सावन महीने में अधिकमास पड़ रहा है. इस कारण सावन एक की बजाय दो महीने का होगा. सावन 4 जुलाई से शुरू होगा और 31 अगस्‍त को खत्‍म होगा. इस तरह रक्षाबंधन सामान्‍य से करीब 15 दिन देरी से मनेगा. इतना ही नहीं रक्षाबंधन एक ही बजाय दो दिन मनेगा. इतना ही नहीं रक्षाबंधन के दिन भद्रा भी रहेगी. 


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2 दिन मनाया जा सकेगा रक्षाबंधन 


हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल सावन मास की पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त को सुबह 10 बजकर 58 मिनट से शुरू होकर 31 अगस्त की सुबह 7 बजकर 5 बजे तक है. इस तरह रक्षाबंधन मनाने का शुभ मुहूर्त 30 अगस्त की सुबह 10 बजकर 58 मिनट से प्रारंभ होकर 31 अगस्त को सुबह 7 बजकर 5 बजे तक रहेगा. यानी कि दोनों दिन रक्षाबंधन मनाया जा सकेगा. लेकिन 30 अगस्त की सुबह 10 बजकर 58 मिनट से भद्रा शुरू हो जाएगी और इसका समापन 30 अगस्‍त की रात में 9 बजकर 1 मिनट पर होगा. लिहाजा 30 अगस्‍त की रात को 9 बजकर 1 मिनट से अगले दिन की सुबह 7 बजकर 5 मिनट तक ही बहनें अपने भाईयों को राखी बांध सकेंगी. 


...इसलिए भद्राकाल में नहीं बांधी जाती राखी 


धर्म-शास्‍त्रों में भद्राकाल को शुभ काम करने के लिए अशुभ माना गया है. भद्रा काल में किया गया शुभ काम भी अशुभ फल देता है. विशेषतौर पर भद्रा में राखी बांधने की तो सख्‍त मनाही की गई है. दरअसल, रावण की बहन ने उसे भद्रा काल में राखी बांधी थी और उसी वर्ष प्रभु राम ने लंकापति रावण का वध कर दिया था. इतना ही नहीं रावण के पूरे कुल का सर्वनाश हो गया. इसलिए माना जाता है कि भद्रा में राखी बांधने से भाई की उम्र कम होती है.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)