Maa Parvati Curse Story: आप सबने सुना होगा या फिर शायद चेक भी किया होगा कि समुद्र का पानी खारा होता है. ये पानी पीने योग्य नहीं होता है. क्या आप जानते हैं समुद्र के पानी का खारा होने के पीछे का कारण धार्मिक शास्त्रों से जुड़ा हुआ है. आज हम आपको इसके पीछे की पौराणिक कथा के बारे में बताने जा रहे हैं. आइए जानते हैं.


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पढ़ें पौराणिक कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार पहले समुद्र का पानी दूध की तरह एकदम सफेद और मीठ हुआ करता था. शिव महापुराण के अनुसार देवों के देव  महादेव को पाने के लिए माता पार्वती ने कठोर तपस्या की थी. इस तपस्या को देख तीनों लोक हैरान रह गए थे. तब समुद्र देवता मां पार्वती को देख मोहित हो गए थे और उन्होंने उनसे शादी करने का विचार और इच्छा प्रकट की. 



समुद्र देव ने किया भोलेनाथ का अपमान
जब माता पार्वती की तपस्या पूरी हुई तो समुद्र देवता ने शादी की इच्छा सामने रखी. इस पर देवी पार्वती ने सम्मानपूर्वक जवाब दिया कि वो भगवान शिव के प्रति प्रेम की भावना रखती हैं. पार्वती जी का जवाब सुनकर क्रोधित हो गए और भोलेनाथ का अपमान करने लगे. भगवान शिव का अपामन करते हुए समुद्र देवता कहते हैं कि उस भस्मधारी आदिवासी में ऐसा क्या है जो मुझमें नहीं है, मैं सभी मनुष्यों की प्यास बुझाता हूं और मेरा चरित्र भी दूध की तरह सफेद है. इसके आगे वो कहते हैं कि हे पार्वती विवाह के लिए हामी भर दो और समुद्र की रानी बन जाओ.


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माता पार्वती ने दिया श्राप
जब समुद्र देव ने भोलेनाथ का अपमान किया तो मां पार्वती सहन नहीं कर पाईं. उन्होंने क्रोधित हो कर समुद्र देव को श्राप दे दिया और कहा कि जिस जल मीठे जल पर तुम्हें इतना घमंड और अभिमान है वो खारा हो जाएगा. इसके अलावा ये पानी किसी भी मनुष्य के पीने योग्य नहीं रहेगा. तभी से समुद्र का पानी खारा हो गया और पीने लायक नहीं रहा.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)