नई दिल्ली: भगवान शिव की कृपा दिलवाने वाले रुद्राक्ष की उत्पत्ति उनके आंसुओं से मानी जाती है. रुद्राक्ष शब्द में रुद्र का अर्थ शिव और अक्ष को आंसू कहा गया है. शिव से जुड़े इस पवित्र बीज का प्रयोग धार्मिक-आध्यात्मिक जगत में किया जाता है. शिव के अनन्य भक्त हमेशा रुद्राक्ष को किसी न किसी रूप में धारण किए होते हैं. मान्यता है कि रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति की रक्षा भगवान शंकर स्वयं करते हैं और उस व्यक्ति में रुद्राक्ष के कारण हमेशा सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है. ज्योतिष के अनुसार भगवान शिव का वरदान कहे जाने वाले इस बीज को धारण करने से तमाम ग्रहों से संबंधित दोष दूर होते हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार रुद्राक्ष जीवन से जुड़ी तमाम प्रकार के मानसिक, शारीरिक एवं ग्रहों संबंधी दोष को दूर करता है.


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कब और किस विधि से धारण करें रुद्राक्ष?
शैव परंपरा में रुद्राक्ष को बहुत पवित्र माना गया है. शिव भक्त इसे अपनी सुरक्षा कवच के तौर धारण करते हैं. इसे धारण करने से पहले इसका विधि-विधान से पूजन और ॐ नमः शिवाय का मंत्र जप किया जाता है. ध्यान रहे बगैर मंत्र जाप के रुद्राक्ष धारण करने पर दोष लगता है. सावन के महीने में रुद्राक्ष को धारण करना अत्यंत शुभ माना गया है. मान्यता है कि इसे धारण करने से मनुष्य के आसपास नकारात्मक शक्तियां नहीं आती हैं और उसके घर में सुख-शांति बनी रहती है. मान्यता ये भी है कि रुद्राक्ष को सिर में धारण करके स्नान करने पर गंगा स्नान का फल प्राप्त होता है.


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किस मुखी रुद्राक्ष का क्या मिला है फल?
शिव की शक्ति और आशीर्वाद से परिपूर्ण अलग-अलग प्रकार के रुद्राक्ष के अलग-अलग लाभ हैं. आइए इसे उसके मुख के अनुसार जानते हैं कि वे किस प्रकार की शुभता लिए होता है-


एक मुखी रुद्राक्ष — यह रुद्राक्ष पापों से मुक्ति दिलाने वाला और सभी कार्यों में सफलता दिलाने वाला होता है.
दो मुखी रुद्राक्ष — यह रुद्राक्ष मानसिक शांति और कार्य व्यापार की सफलता के लिए होता है.
तीन मुखी रुद्राक्ष — यह रुद्राक्ष मनुष्य के भीतर आत्मबल बढ़ाने और धन-धान्य बढ़ाने में शुभता प्रदान करता है.
चार मुखी रुद्राक्ष — यह रुद्राक्ष मानसिक परेशानियों और रोगों को दूर करने में सहायक होता है.
पांच मुखी रुद्राक्ष — यह रुद्राक्ष यश कीर्ति और सुखों को बढ़ाने वाला होता है.
छह मुखी रुद्राक्ष — यह रुद्राक्ष तमाम तरह की बाधाओं को दूर करके माता लक्ष्मी की विशेष कृपा दिलाने वाला होता है.
सप्त मुखी रुद्राक्ष — यह रुद्राक्ष आयु में वृद्धि करने वाला होता है. इसे धारण करने वाले जातक पर अचानक से आई विपदा से बचाव होता है.
अष्ट मुखी रुद्राक्ष — यह रुद्राक्ष न्यायालय संबंधी मामलों में विजय दिलाने में काफी शुभ साबित होता है.
नौ मुखी रुद्राक्ष — यह रुद्राक्ष शत्रुओं का नाश करने और मां दुर्गा की कृपा दिलवाने वाला होता है.
दस मुखी रुद्राक्ष — यह रुद्राक्ष भूत—प्रेत बाधा और दुर्घटना आदि से बचाने वाला होता है.
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष — यह रुद्राक्ष समाज में प्रतिष्ठा और सम्मान दिलाने के लिए शुभ साबित होता है.
बारह मुखी रुद्राक्ष — यह रुद्राक्ष तमाम तरह की मानसिक समस्याओं को दूर कर दरिद्रता का दूर करने वाला होता है.
तेरह मुखी रुद्राक्ष — यह रुद्राक्ष सभी प्रकार की मनोकामनाओं को पूरा करने वाला होता है.
चौदह मुखी रुद्राक्ष — यह रुद्राक्ष आत्म और शारीरिक दोनों प्रकार के बल को बढ़ाने वाला होता है.
गौरी शंकर रुद्राक्ष — यह रुद्राक्ष वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाने वाला होता है.
गणेश रुद्राक्ष — यह रुद्राक्ष सभी तरह की बाधाओं को दूर करके सुख-समृद्धि देने वाला होता है.


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