नई दिल्ली: सनातन धर्म में हर महीने आने वाली पूर्णिमा (Purnima) और अमावस्या तिथि (Amavasya) का विशेष महत्व है. हिंदू पंचांग के अनुसार वैसे तो हर महीने अमावस्या तिथि आती है और एक साल में 12 अमावस्या होती है लेकिन जो अमावस्या सोमवार के दिन पड़ती है उसे सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) कहा जाता है. इस साल सोमवती अमावस्या 12 अप्रैल 2021 को है. इसी दिन हरिद्वार कुंभ का दूसरा शाही स्नान (Kumbh Shahi Snan) भी होगा. सामान्य अमावस्या तिथि की तुलना में सोमवती अमावस्या का महत्व काफी अधिक होता है.


सोमवती अमावस्या का महत्व


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चूंकि साल 2021 में केवल एक ही अमावस्या ऐसी पड़ रही है जो सोमवती अमावस्या है इसलिए 12 अप्रैल वाली सोमवती अमावस्या का महत्व काफी अधिक माना जा रहा है. ऐसी मान्यता है कि अगर सोमवती अमावस्या पर कोई उपवास करता है (Keeping Fast) तो उसकी सभी इच्छाएं पूरी हो सकती हैं. इस दिन पितरों का तर्पण (Pitra tarpan) भी किया जाता है. ऐसा करने से व्यक्ति को अपने पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इसके अलावा इस दिन गंगा जल से स्नान (Ganga Snan) करने के साथ ही दान भी अवश्य करना चाहिए, इससे घर में सुख-शांति व खुशहाली आती है. सोमवती अमावस्या पर विधिवत स्न्नान करने से भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है. साथ ही इस दिन सूर्यदेव को अर्घ्य देने और पीपल के वृक्ष की भी पूजा करनी चाहिए.


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सोमवती अमावस्या का शुभ मुहूर्त


सोमवती अमावस्या की तारीख- 12 अप्रैल 2021, दिन सोमवार
अमावस्या तिथि प्रारंभ- 11 अप्रैल 2021, दिन रविवार को सुबह 06.03 मिनट से.
अमावस्या की समाप्त- 12 अप्रैल 2021, दिन सोमवार को सुबह 08:00 बजे तक.
(चूंकि उदया तिथि से अधिकतर पर्व त्योहार का मान होता है इसलिए सोमवती अमावस्या 12 अप्रैल सोमवार को है)


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(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)


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