Surya Dev: सूर्य देव के रथ को 7 घोड़े ही क्यों खींचते हैं? जान लें रंग से जुड़ा ये खास सीक्रेट भी!
Surya Dev rath name: भगवान सूर्य देव की मूर्ति या तस्वीरों में एक खास बात है कि वे कभी भी बिना रथ की नहीं होती हैं. साथ ही सूर्य देव के रथ में 7 घोड़े ही होते हैं. आइए जानते हैं कि इसके पीछे की खास वजह क्या है.
Surya Dev rath details in Hindi: भगवान सूर्य को ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों का राजा कहा गया है. वहीं हिंदू धर्म में भी सूर्य देव को बेहद महत्वपूर्ण दर्जा दिया गया है क्योंकि सूर्य से मिली ऊर्जा से ही यह संसार चलता है. इसके अलावा यह ऐसे देवता हैं, जिनके दर्शन साक्षात होते हैं. सूर्य देव हमेशा 7 घोड़ों से सुसज्जित रथ पर सवार रहते हैं. इन रथों के नाम गायत्री, भ्राति, उष्निक, जगती, त्रिस्तप, अनुस्तप और पंक्ति हैं. लेकिन ये बात बहुत कम लोग ही जानते हैं कि सूर्य देव के रथ को 7 घोड़े ही क्यों खींचते हैं. आइए जानते हैं सूर्य देव के रथ का नाम और उसकी खासियतें.
...इसलिए होते हैं सूर्य देव के रथ में 7 घोड़े
सूर्य देव के रथ के घोड़ों, रथ के पहिए और उनमें बनी लाइनों के खास मतलब हैं. इतना ही नहीं कई पौराणिक कथाओं में सूर्य देव के रथ से जुड़ी खासियतें भी बताई गई हैं. इन कथाओं के अनुसार सूर्य देव के रथ को संभालने वाले इन सात घोड़ों के नाम- गायत्री, भ्राति, उष्निक, जगती, त्रिस्तप, अनुस्तप और पंक्ति हैं. इसके बारे में माना जाता है कि यह 7 घोड़े सप्ताह के 7 अलग-अलग दिनों को दर्शाते हैं. इसके अलावा वैज्ञानिक दृष्टि से बात करें तो रथ के 7 घोड़े 7 रंगों की रोशनी को दर्शाते हैं. यही वजह है कि सूर्य देव के रथ के घोड़े अलग-अलग रंगों के हैं. साथ ही ये सभी घोड़े एक दूसरे से अलग नजर आते हैं.
रथ के पहिए भी देते हैं खास संकेत
इतना ही नहीं सूर्य देव के रथ के पहिए और उनमें बनी 12 लाइनें भी खास संकेत देती हैं. एक पहिया एक साल और उसमें बनी 12 लाइनें साल के 12 महीनों का संकेत हैं. प्रसिद्ध कोणार्क मंदिर में भगवान सूर्य और उनके रथ को बहुत अच्छे से और डिटेल से दर्शाया गया है. जिसमें सूर्य देव के रथ से जुड़ी ये चीजें साफ नजर आती हैं.
ज्योतिष से भी है सीधा कनेक्शन
वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों के राजा सूर्य हर महीने राशि परिवर्तन करते हैं. इस तरह वे 12 महीनों में 12 राशियों में गोचर करके एक साल में एक राशि चक्र पूरा करते हैं. साथ ही सूर्य को सफलता, सेहत, यश का कारक माना गया है. जिन लोगों की कुंडली में सूर्य उच्च का होता है, वे तेजस्वी, प्रभावी व्यक्तित्व वाले होते हैं. ऐसे जातक जीवन में खूब नाम और यश पाते हैं. वे जिस भी क्षेत्र में जाएं ऊंचा पद पाते हैं. इनमें नेतृत्व क्षमता पैदाइशी तौर पर होती है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)