नई दिल्ली: परिवार में कई लोग होते हैं और हर किसी का स्वभाव अलग-अलग होता है. आपने गौर किया होगा कि कुछ परिवार के लोग आपस में प्रेम से रहते हैं लेकिन कुछ परिवार ऐसे भी होते हैं जहां लगातार कलह की स्थिति बनी रहती है. ऐसे घरों में लोगों में आपस में मतभेद काफी ज्यादा होता है. रोज-जोर के लड़ाई झगड़ों से परिवार के सदस्यों का स्वभाव भी काफी चिड़चिड़ा हो जाता है.  


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गरुण पुराण में कहा गया है कि ऐसी स्थितियों की जिम्मेदार और कुछ नहीं बल्कि हमारी बुरी आदतें होती हैं. दरअसल, आपकी बुरी आदतें आपके घर में नकारात्मक ऊर्जा पैदा करती हैं, जिसके कारण परिवार के लोगों पर इसका बुरा असर पड़ता है. 


रात में जूठे बर्तन सिंक में छोड़ देना 


पुराने समय में लोग रात में रसोई को पूरी तरह से साफ करके ही सोते थे. लेकिन आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों को आराम करने के लिए फुरसत नहीं है घर के काम कहां से करें. ऐसे में खाना बनाने ले लेकर बर्तन धोने और घर की साफ-सफाई तक के सारे काम मेड ही करती है. मेड सुबह या दोपहर तक आती है. ऐसे में रात के जूठे बर्तन किचन में ही इकट्ठे रहते हैं. गरुड़ पुराण में कहा गया है कि रात के जूठे बर्तन छोड़ने की आदत आपके घर में दरिद्रता की वजह बन सकती है. इसके कारण घर में क्लेश और झगड़े की स्थिति पैदा होती है.


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घर को गंदा रखना


घर को साफ-सुथरा और व्य​वस्थित रखना बहुत जरूरी है, नहीं तो बीमारियां पनपते देर नहीं लगती. गरुड़ पुराण के अनुसार गंदे और अव्यवस्थित घर में मां लक्ष्मी का वास कभी नहीं होता. फिजूल खर्च भी बढ़ जाते हैं. परिवार में मतभेद और मनभेद बढ़ने लगते हैं, और आपसी कलह शुरू हो जाती है. 


कबाड़ इकट्ठा करना


छोटे घर होने के कारण ज्यादातर लोग घर का कबाड़ छत पर डाल देते हैं, उसके बाद इस कबाड़ की सुध भी नहीं होती. लेकिन गरुड़ पुराण में कहा गया है कि कबाड़ को घर के किसी भी हिस्से में नहीं रखना चाहिए. कबाड़ इकट्ठा करने से घर में नकारात्मकता बढ़ती है और आर्थिक तंगी व क्लेश की स्थितियां पैदा हो जाती हैं. 


(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)