Banswara News: कोष कार्यालय में 5.24 करोड़ का स्टाम्प घोटाला, स्टोर कीपर और वेंडर पर आरोप
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Banswara News: कोष कार्यालय में 5.24 करोड़ का स्टाम्प घोटाला, स्टोर कीपर और वेंडर पर आरोप

Banswara News: राजस्थान के बांसवाड़ा कोष कार्यालय में 5.24 करोड़ का स्टांप घोटाला सामने आया है. कोषाधिकारी हितेश गौड़ ने बांसवाड़ा के कोतवाली थाने में स्टोर कीपर और वेंडर के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. 

 

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Rajasthan News: बांसवाड़ा कोष कार्यालय में 5 करोड़ 23 लाख 88 हजार 511 रुपए का स्टाम्प घोटाला सामने आया है. कोषाधिकारी ने जब फिजिकल वेरिफिकेशन किया, तो इसका खुलासा हुआ. मामले में विभाग के कर्मचारी और वेंडर के खिलाफ FIR दर्ज कराई गई है. कलेक्टर डॉ. इंद्रजीत ने आदेश जारी कर कार्मिक को निलंबित कर दिया है. कोषाधिकारी हितेश गौड़ ने बांसवाड़ा के कोतवाली थाने में मंगलवार को मामला दर्ज कराया है. गौड़ ने कार्यालय के स्टोर इंचार्ज नारायण लाल यादव और स्टाम्प वेंडर आशीष जैन के खिलाफ कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है. पुलिस मामले की जांच में जुट गई और प्रारंभिक तौर पर नारायण लाल यादव और आशीष जैन सहित 2 अन्य को डिटेन किया है. साथ ही वेंडर के घर से भी इससे जुड़ा सामान जब्त किया गया है.

स्टोर कीपर और वेंडर के खिलाफ मामला दर्ज 
जिला कोषाधिकारी गौड़ ने रिपोर्ट में बताया कि उन्होंने 23 फरवरी को पदभार ग्रहण किया. इसके बाद स्ट्रांग रूम में रखे स्टाम्प के भौतिक सत्यापन के लिए कमेटी का गठन किया गया. कमेटी की जांच में सामने आया कि जो ऑनलाइन स्टॉक है और स्ट्रॉन्ग रूम में स्टाम्प उपलब्ध हैं उनमें अंतर है. जांच में सामने आया कि यह अंतर 5 करोड़ 23 लाख 88 हजार 511 रुपए की लागत के स्टाम्प का है. जिला कोषाधिकारी ने इस गबन में स्टोर कीपर नारायणलाल यादव और वेंडर आशीष जैन की मिलीभगत मानते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई है. जांच रिपोर्ट मिलने के बाद गत 24 अप्रैल को इसी रिपोर्ट के आधार पर OSIS (सॉफ्टवेयर) से मिले पिछले सालों के वेंडर सेल रिपोर्ट और सिंगल डबल लॉक रजिस्टर का मिलान किया. इसमें पाया गया कि 1 अप्रैल 22 से 31 जुलाई 22 तक स्पेशल adhesive 500.00 के 3,15,758 स्टांप डबल लॉक से निकाले गए, लेकिन इस अवधि में केवल 1394 स्टाम्प ही बेचे गए. 

कार्मिक को किया निलंबित
इस मामले में कलेक्टर डॉ. इंद्रजीत यादव ने बताया कि अधिकारी ने जब जॉइन किया तो उन्होंने एक बार स्ट्रॉन्ग रूम का अवलोकन किया. उन्हें शुरू में कुछ लगा कि ऑनलाइन स्टॉक में और वर्तमान में उपलब्ध स्टाम्प में कुछ अंतर है तो उन्होंने इसके लिए जांच कमेटी बनाई. इसमें यह पूरा मामला सामने आया. जिस कर्मचारी और वेंडर की लिप्तता थी उसके खिलाफ केस दर्ज करा दिया है और पुलिस ने डिटेन कर लिया है. विभागीय कार्रवाई के तहत कार्मिक को निलंबित कर दिया है. 

रिपोर्टर - अजय ओझा

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