नई दिल्ली. देशभर में 25 नवंबर यानी बुधवार को तुलसी विवाह (Tulsi Vivah 2020) का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा. यह पर्व हर साल कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है. तुलसी विवाह के दिन ही देवउठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi 2020) भी मनाई जाती है. हिंदू धर्म में इस दिन का विशेष महत्व है.


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इस शुभ दिन पर भगवान शालिग्राम (Bhagwan Shaligram) के साथ तुलसी मां का विवाह किया जाता है. शालिग्राम को भगवान विष्णु और तुलसी जी को मां लक्ष्मी का अवतार माना जाता है. इस दिन दोनों का विवाह पूरे रीति-रिवाज के साथ किया जाता है. लेकिन तुलसी पूजा के दिन कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए.


संध्या में जलाएं दीपक


तुलसी के पौधे को रोजाना जल देना चाहिए और संध्या के समय दीपक जरूर जलाना चाहिए. तुलसी के विवाह के दिन तुलसी के पौधे पर जल और दीपक रखना बिलकुल न भूलें. तुलसी पर जल चढ़ाने और दीपक रखने से मां लक्ष्मी की कृपा हमेशा आप पर बनी रहती है. साथ ही रविवार के दिन तुलसी के पौधे पर जल न चढ़ाएं.


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मांस-मदिरा से करें परहेज


तुलसी पूजा के दौरान भूलकर भी मांस, मदिरा और नशीली चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए. साथ ही तुलसी के पौधे के पास भी कभी इन चीजों का सेवन न करें. वहीं, जो लोग तुलसी माला पहनते हैं, उन्हें हमेशा इन चीजों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए.


दिशा का रखें विशेष ध्यान


घर की दक्षिण दिशा (South Direction) में कभी भी तुलसी का पौधा न लगाएं. तुलसी का पौधा हमेशा पूर्वोत्तर (North-East) या उत्तर दिशा (East Direction) में लगाना चाहिए. इससे यह शुभ फल देता है.


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गमले में लगाएं तुलसी


तुलसी का पौधा हमेशा गमले में ही लगाएं. मान्यता के अनुसार, जमीन में लगा हुआ तुलसी का पौधा अशुभ माना जाता है. इसका नकारात्मक प्रभाव घर पर पड़ता है.


इन बातों का रखें ध्यान


कभी भी रविवार, सूर्य ग्रहण, चंद्रग्रहण और सूर्यास्त होने के बाद तुलसी के पत्ते न तोड़ें. घर में लगे तुलसी के पौधे का अच्छी तरह से ध्यान रखें. सूखी तुलसी को कभी गमले में न रहने दें. उसके स्थान पर तुरंत नया पौधा लगाएं. सूखे हुए पौधे को नदी में प्रवाहित कर दें.


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