Margashirsha Vinayak Chaturthi 2024: मार्गशीर्ष विनायक चतुर्थी पर बन रहे 3 शुभ योग, व्रत करने से पूरी होंगी सारी मनोकामनाएं; जानें तिथि और पूजा मुहूर्त
Vinayaka Chaturthi 2024 News: मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी पर आने वाली तिथि को मार्गशीर्ष विनायक चतुर्थी कहा जाता है. इस बार विनायक चतुर्थी पर 3 शुभ योग बन रहे हैं, जिससे उस दिन पूजा करने से विशेष लाभ मिलेंगे.
Margashirsha Vinayak Chaturthi 2024 Puja Muhurat: सनातन धर्म में भगवान गणेश को सभी देवों में प्रथम पूज्य कहा गया है. कहते हैं कि अगर गणपति किसी जातक से प्रसन्न हो जाएं तो उसके जीवन से सारे दुख-संकट अपने आप दूर हो जाते हैं और वह लगातार खुशियों में खेलता है. मार्गशीर्ष माह में आने वाली विनायक चतुर्थी पर भगवाण गणेश की पूजा अर्चना करने से विशेष लाभ मिलते हैं. इस बार यह माह 15 नवंबर को शुरू हो चुका है और 14 दिसंबर तक रहेगा. आइए जानते हैं कि मार्गशीर्ष विनायक चतुर्थी कब आएगी और इसकी पूजा का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा.
ज्योतिष शास्त्रियों के मुताबिक, इस वर्ष मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 4 दिसंबर को दोपहर 1 बजकर 10 मिनट से शुरू होकर 5 दिसंबर को दोपहर 12.49 बजे तक रहेगी. ऐसे में उदयातिथि के आधार पर इस बार विनायक चतुर्थी का व्रत 5 दिसंबर यानी गुरुवार को रखा जाएगा.
मार्गशीर्ष विनायक चतुर्थी पर बन रहे 3 शुभ योग
इस वर्ष मार्गशीर्ष विनायक चतुर्थी पर 3 शुभ योग बन रहे हैं. इस दिन सुबह 7 बजे से शाम 5.26 बजे तक रवि योग रहेगा. मान्यता है कि इस योग के समय सूर्य देव का प्रभाव ज्यादा रहता है, जिसके असर से सभी प्रकार के दुख-संकट दूर हो जाते हैं. इस दिन सुबह से ही वृद्धि योग भी रहेगा, जो दोपहर 12.28 बजे जाकर खत्म होगा. मार्गशीर्ष विनायक चतुर्थी पर इस बार सुबह से लेकर शाम तक उत्तराषाढा नक्षत्र भी रहेगा.
अगर मार्गशीर्ष विनायक चतुर्थी का व्रत शुरू करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त की बात करें तो यह 5 दिसंबर को सुबह 5.11 बजे से सुबह 6.05 बजे तक रहेगा. वहीं अगर पूजा के शुभ मुहूर्त की बात करें तो इस बार जातकों को इसके लिए 1 घंटा 40 मिनट का शुभ मुहूर्त मिलेगा. इस बार यह मुहूर्त 5 दिसंबर को सुबह 11.09 बजे से दोपहर 12.49 बजे तक रहेगा.
विनायक चतुर्थी पर गणपति को ऐसे करें प्रसन्न
मार्गशीर्ष विनायक चतुर्थी वाले दिन आप 5 दिसंबर को सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठें और नित्य क्रिया के पश्चात स्नानादि करके भगवान गणेश की पूजा करें. पूजा की थाली में गणपति बप्पा को सिंदूर, दुर्वा घास जरूर शामिल करें. साथ ही भगवान गणेश को लड्डू और मोदक का भोग लगाएं. ऐसा करने से गणपति प्रसन्न होते हैं.
हालांकि इस बात का ध्यान रखें कि उनकी पूजा की थाली में भूल से तुलसी का पत्ता न हो वरना वे क्रोधित हो जाएंगे. असल में तुलसी का पत्ता मां लक्ष्मी का प्रतीक है और भगवान गणेश मां लक्ष्मी को माता कहकर पुकारते हैं. कहते हैं कि इस विधि से पूजापाठ करने से भगवान गणेश बहुत प्रसन्न होते हैं और जातक के जीवन में सुख-समृद्धि बरसाते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)