नई दिल्ली : आज शुक्रवार है और आज दिन संतोषी मां को समर्पित है. हिन्दू शास्त्रों के अनुसार संतोषी माता को भगवान गणेश की पुत्री माना गया है. उत्तर भारत में माता संतोषी की पूजा के लिए शुक्रवार का व्रत करने का विधान है. मान्यता है कि इससे माता संतोषी प्रसन्न होती हैं और शुभ फल प्रदान करती हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पौराणिक मान्यता
पुराणों में कहा गया है कि शुक्रवार के दिन मां संतोषी की पूजा करते समय अगर उनके मंत्रों पाठ मन लगाकर किया जाए तो माता संतोषी जल्द ही प्रसन्न होकर घर को धन-धान्य से भर देती हैं.


मंत्र से करें ध्यान 
ॐ श्री संतोषी महामाया गजानंदम दायिनी
शुक्रवार प्रिये देवी नारायणी नमोस्तुते! 


मान्यता है कि विशेष तौर पर शुक्रवार के दिन अगर संतोषी मां के इस मंत्र का जाप किया जाए तो निश्चित ही आप जीवन की सभी परेशानियों से उबर सकते हैं. ‍‍‍ 


इसका अर्थ है- 
आनंद देने वाली संतोषी मां, जिनको शुक्रवार दिन 
प्रिय है, आपको मैं प्रणाम करता हूं, मेरी रक्षा करें.


मंत्र उच्चारण का विज्ञान
मंत्र मानव जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं और नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करते हैं. मंत्रोच्चारण के बाद आप भी कई बार अपने अंदर एक आध्यात्मिक शांति महसूस करते होंगे. इसका कारण यही है कि जो नकारात्मक ऊर्जा हमें अशांत रखती है वह दूर हो जाती है.


पूजा विधि
घर में संतोषी माता की मूर्ति या फोटो रखें. मूर्ति के पास बड़े बर्तन में जल भरकर रखें और उसमें थोड़ा गुड़ और चने मिला दें. घी का दीपक जलाएं और माता संतोषी की व्रत कथा सुनें. पूजा सम्पन्न होने के बाद गुड़ और चने का प्रसाद बांट दें. 


ZEE आध्यात्म में माता संतोषी की कृपा पाने के लिए इस सकारात्मक ऊर्जा से भरे मंत्र को जप कर आप भी जीवन की हर परेशानी का समाधान कर सकते हैं. जीवन को भक्ति और शक्ति से जोड़ने वाले नए आयाम के साथ जोड़ने का ये सिलसिला हमेशा जारी रहेगा.