ब्रह्मांड की सबसे चमकीली चीज की खोज: सूर्य से 500 ट्रिलियन गुना चमकदार, इसके ब्लैक होल में समा जाएं 17 अरब सूरज
Brightest Object In The Universe: एस्ट्रोनॉमर्स ने ब्रह्मांड में अब तक देखी गई सबसे चमकीली चीज खोजी है. यह चीज हमारे सूर्य से 500 ट्रिलियन गुना अधिक चमकीली है. इसके ब्लैक होल द्रव्यमान सूर्य से 17 अरब गुना ज्यादा है.
Science News in Hindi: वैज्ञानिकों ने ब्रह्मांड में अब तक की सबसे चमकीली वस्तु का पता लगाया है. यह एक क्वेसार है जो हमारे सूर्य से 500 ट्रिलियन गुना अधिक चमकीला है. यूरोपियन सदर्न ऑब्जर्वेटरी (ESO) के वेरी लार्ज टेलीस्कोप (LSO) का इस्तेमाल कर क्वेसार की पहचान की गई. एस्ट्रोनॉमर्स ने इसे 'अपनी तरह का सबसे चमकीला' और 'अब तक देखी गई सबसे चमकदार वस्तु' करार दिया है. यह क्वेसार पृथ्वी से इतना दूर है कि उसके प्रकाश को पहुंचने में 12 बिलियन साल लगे हैं.
सबसे भयानक है क्वेसार का ब्लैक होल!
क्वेसार बेहद दूर स्थित आकाशगंगाओं के कोर हैं जिन्हें सुपरमैसिव ब्लैक होल चलाते हैं. 'नेचर एस्ट्रोनॉमी' जर्नल में छपी स्टडी के मुताबिक, J0529-4351 नामक इस क्वेसार का ब्लैक होल अभूतपूर्व दर से बढ़ रहा है. यह प्रतिदिन एक सूर्य के बराबर पदार्थ को निगल रहा है. इस सुपरमैसिव ब्लैक होल का द्रव्यमान 17 बिलियन सूर्यों के बराबर है. यह अब तक खोजा गया सबसे तेज गति से बढ़ने वाला ब्लैक होल है.
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क्वेसार क्यों चमकते हैं?
जैसा हमने आपको पहले बताया, आकाशगंगाओं के चमकीले कोर को क्वेसार कहते हैं. इनके केंद्र में सुपरमैसिव ब्लैक होल होते हैं. जैसे-जैसे धूल और गैस ब्लैक होल में गिरती है, वह इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन पैदा रिलीज करता है जिससे तेज रोशनी पैदा होती है. J0529-4351 न सिर्फ चमक के मामले में पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ता है, बल्कि बेहद तेजी से बड़ा भी हो रहा है.
स्टडी के लीड ऑथर और ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी (ANU) में एस्ट्रोनॉमर क्रिश्चियन वुल्फ के मुताबिक, 'हमने अब तक ज्ञात सबसे तेजी से बढ़ने वाले ब्लैक होल की खोज की है. इसका द्रव्यमान 17 बिलियन सूर्यों के बराबर है और यह प्रतिदिन एक सूर्य से थोड़ा अधिक पदार्थ को निगलता है. यह इसे ज्ञात ब्रह्मांड में सबसे चमकदार वस्तु बनाता है.'
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पहले तारा समझने की कर बैठे भूल
यह क्वेसार हमें 1980 से ही दिखाई देता रहा है, लेकिन तब बेहद चमकीला होने के चलते, इसे गलती से तारा समझ लिया गया था. पिछले साल ANU के 2.3 मीटर व्यास वाले टेलीस्कोप के जरिए इसके क्वेसार होने की पुष्टि हुई. अब ESO के VLT की मदद से यह मालूम हुआ है कि यह अब तक का सबसे चमकीला क्वेसार है.