असंभव अब संभव है! जेम्स वेब टेलीस्कोप ने 6.5 अरब प्रकाश वर्ष दूर मौजूद तारों को साफ-साफ देखा, वैज्ञानिक भी दंग
Advertisement
trendingNow12592072

असंभव अब संभव है! जेम्स वेब टेलीस्कोप ने 6.5 अरब प्रकाश वर्ष दूर मौजूद तारों को साफ-साफ देखा, वैज्ञानिक भी दंग

James Webb Space Telescope Image: NASA के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) ने पिछले सभी रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं. उसने 6.5 बिलियन प्रकाश वर्ष दूर स्थित तारों को साफ-साफ देखा है.

असंभव अब संभव है! जेम्स वेब टेलीस्कोप ने 6.5 अरब प्रकाश वर्ष दूर मौजूद तारों को साफ-साफ देखा, वैज्ञानिक भी दंग

James Webb Space Telescope: जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) ने एक अभूतपूर्व खोज की है. अंतरिक्ष में मौजूद, अब तक की सबसे शक्तिशाली दूरबीन ने ब्रह्मांड में बेहद दूर स्थित एक आकाशगंगा में 44 अलग-अलग तारों को देखा है. यह खोज बेहद अहम है क्योंकि वैज्ञानिक इससे पहले, इतनी दूर की आकाशगंगाओं में व्यक्तिगत तारों की पहचान करना असंभव मानते थे. JWST ने अबेल 370 (Abell 370) नामक गैलेक्सी क्लस्टर में स्थित 'ड्रैगन आर्क' में इन 44 तारों की पहचान की.

यह आर्क एक लंबी, लहराती रोशनी की पट्टी के रूप में दिखाई देती है, जो दूर की आकाशगंगा से आता प्रकाश है. इस आकाशगंगा का प्रकाश लगभग 6.5 अरब वर्ष पहले पृथ्वी तक पहुंचना शुरू हुआ था, जब ब्रह्मांड अपनी वर्तमान आयु का लगभग आधा था. इन नतीजों के बारे में एक स्टडी 6 जनवरी को Nature Astronomy जर्नल में छपी है.

fallback
ग्रेविटेशनल लेंसिंग से चला इन तारों का पता (Illustration courtesy of Yoshinobu Fudamoto)

मौत के बेहद करीब हैं ये तारे

JWST ने जिन 44 तारों की खोज की हैं, उनमें से अधिकांश लाल सुपरजाइंट हैं. यानी वे अपने जीवन के अंतिम चरणों में हैं. 'ड्रैगन आर्क' में इन तारों की मौजूदगी प्लैनेटरी लेंसिंग की वजह से है. यह ऐसी घटना है, जिसमें एक विशाल आकाशगंगा समूह, जैसे अबेल 370, अपनी विशाल गुरुत्वाकर्षण शक्ति के चलते दूर की आकाशगंगाओं के प्रकाश को मोड़ देता है, जिससे वे लहराती आर्क्स के रूप में दिखाई देती हैं.

यह भी पढ़ें: 10 घंटे का 'बर्फीला किस' और... प्लूटो को कैसे मिला अपना सबसे बड़ा उपग्रह? हुआ खुलासा

जेम्स वेब टेलीस्कोप की नई खोज से एस्ट्रोनॉमर्स को डार्क मैटर और आकाशगंगाओं के विकास से जुड़ी अहम जानकारी मिलेगी. इन तारों की स्टडी करके, वैज्ञानिक ब्रह्मांड के प्रारंभिक इतिहास और उसकी संरचना को बेहतर ढंग से समझ सकेंगे.

विज्ञान के क्षेत्र की नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहां पढ़ें Latest Science News In Hindi और पाएं Breaking News in Hindi देश-दुनिया की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार. जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!

Trending news