Science News: ब्रह्मांड में मौजूद अधिकांश पदार्थ को हम देख नहीं सकते, जिसे 'डार्क मैटर' कहते हैं. एक थ्‍योरी कहती है कि ब्रह्माण्ड में अधिकांश डार्क मैटर छोटे-छोटे ब्लैक होल्स से भरा हुआ है. इसी आधार पर, कुछ वैज्ञानिकों ने सुझाया है कि हर 10 साल में, एक छोटा से 'आदिम' ब्लैक होल के हमारे सौरमंडल से होकर गुजरने की संभावना है. उनके मुताबिक, मंगल ग्रह की डगमगाहट को देखकर इसका पता लगाया जा सकता है. यह थ्‍योरी सही है या नहीं, इसकी पुष्टि करने के लिए वैज्ञानिक मंगल की कक्षा पर नजरें गड़ाए बैठे हैं.


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सौरमंडल के बीच से 'आदिकालीन' ब्लैक होल के गुजरने का विचार वैज्ञानिकों ने Physical Review D जर्नल में छपे नए पेपर में सामने रखा है. इसके मुताबिक, सौरमंडल से गुजरते समय ये छोटे ब्लैक होल लाल ग्रह को इस तरह हिला सकते हैं कि उसकी डगमगाहट को पृथ्वी से देखा जा सके.


हर 10 साल में सौरमंडल से गुजरता है ब्लैक होल!


पेपर के सह-लेखक और MIT में फिजिक्स के प्रोफेसर डेविड कैसर ने कहा, 'अगर हम इसे देख पाते हैं, तो यह इस सुखद विचार को आगे बढ़ाने का एक वास्तविक कारण बन जाएगा कि सभी डार्क मैटर उन ब्लैक होल से बने हैं जो बिग बैंग के बाद एक सेकंड से भी कम समय में पैदा हुए थे और 14 अरब वर्षों से ब्रह्मांड में घूम रहे हैं.'


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रिसर्चर्स ने अपने पेपर में अनुमान लगाया है कि इनमें से एक छोटा ब्लैक होल हर दशक में एक बार हमारे सौरमंडल से होकर गुजरता है. पेपर की को-ऑथर सारा गेलर ने कहा, 'प्राचीन ब्लैक होल सौरमंडल में नहीं रहते हैं. बल्कि, वे ब्रह्मांड में प्रवाहित होते रहते हैं और अपना काम करते रहते हैं.'


क्या होते हैं आदिकालीन ब्लैक होल?


NASA के अनुसार, वैज्ञानिकों का मानना है कि आदिम ब्लैक होल ब्रह्मांड के जन्म के बाद पहले सेकंड में बने थे. उस समय, गर्म पदार्थों के क्षेत्र ब्लैक होल बनाने के लिए पर्याप्त घनी रहे होंगे. शायद उनका द्रव्यमान पेपरक्लिप से 100,000 गुना कम से लेकर सूर्य से 100,000 गुना अधिक हो सकता है. फिर जैसे-जैसे ब्रह्मांड तेजी से फैला और ठंडा हुआ, ऐसे ब्लैक होल बनने की स्थितियां खत्म हो गईं.


13.8 बिलियन साल बाद, वैज्ञानिकों को अभी तक इस बात का पक्का सबूत नहीं मिला है कि ये आदिम ब्लैक होल कभी अस्तित्व में थे.


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