Science News: वैज्ञानिक अब तक जितना मानते आए थे, चंद्रमा उससे शायद 10 करोड़ साल अधिक पुराना है. 'नेचर' पत्रिका में बुधवार को छपी एक स्टडी लंबे समय से चली आ रही धारणा को चुनौती देती है. अब तक यह माना जाता रहा कि मंगल के आकार का कोई पिंड सौरमंडल के शुरुआती दिनों में पृथ्‍वी से टकराया था, जिससे हमारा प्राकृतिक उपग्रह बना. यह घटना कोई 4.35 बिलियन साल पहले घटी मानी जाती है. हालांकि, अमेरिका, फ्रांस और जर्मनी के रिसर्चर्स की ज्वाइंट स्टडी कहती है कि चंद्रमा का निर्माण 4.53 बिलियन साल पहले ही हो चुका था.


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अगर नई स्टडी के दावे को सही मानें तो चंद्रमा से जुड़े कई रहस्यों का जवाब मिल सकता है. जैसे कि वहां हमारी अपेक्षा से कम विशाल इम्पैक्ट बेसिन क्यों हैं, और पृथ्वी की तुलना में इसमें कम धातु क्यों है. यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया सांता क्रूज के जियोलॉजिस्ट, फ्रांसिस निम्मो के नेतृत्व वाली एक टीम का कहना है कि यह खोज हमें अपने ग्रह के इतिहास और विकास को बेहतर ढंग से समझने में भी मदद कर सकती है.


चंद्रमा के निर्माण की वर्तमान थ्योरी क्या है?


अभी वैज्ञानिकों के बीच चंद्रमा के निर्माण को लेकर जो धारणा है, वह सौरमंडल के शुरुआती दिनों के कोलाहल में चंद्रमा के निर्माण की भविष्यवाणी करती है. लगभग 4.6 बिलियन साल पहले सूर्य का निर्माण हुआ. उस समय हमारा तारा गैस और धूल की डिस्क से घिरा था, जो चट्टानों में मिल कर एक दूसरे से चिपक जाती थी, एक दूसरे से टकराती थी, और अराजकता का माहौल पैदा करती थी.


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वैज्ञानिकों का मानना है कि चंद्रमा तब बना जब मंगल ग्रह के आकार का एक बड़ा पिंड, नवजात पृथ्वी से टकराया, जो अपने निर्माण के कारण अभी भी गर्म और चिपचिपा था. पृथ्वी का एक बड़ा द्रव्यमान कक्षा में फेंका गया होगा, जहां यह मिलकर चंद्रमा का निर्माण कर सका. माना जाता है कि बनने के बाद, चंद्रमा पर मैग्मा का महासागर था जो तेजी से ठंडा होकर कठोर सतह में बदल गया.


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नई रिसर्च हमें क्या बताती है?


चंद्रमा से मिले जिरकॉन खनिज के क्रिस्टलों ने हमें नई जानकारियां दी हैं. जिरकॉन क्रिस्टल किसी नमूने की आयु का पता लगाने का एक बेहतरीन तरीका है क्योंकि वे जिस तरह से बनते हैं, वह थोड़ा अजीब है. जब वे बनते हैं, तो जिरकॉन क्रिस्टल यूरेनियम को शामिल करते हैं, लेकिन सीसे को दृढ़ता से अस्वीकार करते हैं. समय के साथ, जिरकॉन में रेडियोएक्टिव यूरेनियम बहुत अच्छी तरह से समझी जाने वाली दर पर सीसे में विघटित हो जाता है.


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चंद्रमा पर मिले जिरकॉन क्रिस्टल के नमूने हमेशा 4.35 बिलियन से अधिक का आंकड़ा देते रहे हैं, जो व्यापक सिद्धांत के उलट है. ऐसा कैसे हो सकता है? यह पता लगाने के लिए निम्मो और उनके साथियों ने एनालिसिस के बाद मॉडलिंग के जरिए दिखाया कि दोनों बातें सच हो सकती हैं- अगर चंद्रमा का निर्माण पहले हुआ था, और फिर 4.35 अरब वर्ष पहले व्यापक रूप से पपड़ी पिघली थी.


रिसर्च से पता चला कि चंद्रमा की आयु 4.43 से 4.53 बिलियन साल के बीच है. चूंकि पृथ्वी की आयु 4.54 बिलियन साल होने का अनुमान है, इसका मतलब है कि चंद्रमा पूरे समय धरती के साथ रहा है.


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