Science News: अब तक हमने जितना सोचा था, आकाशगंगाएं उससे कहीं अधिक बड़ी हैं. किसी आकाशगंगा के चारों तरफ मौजूद गैस के गुबार की तस्वीरों से यह बात पता चली है. वैज्ञानिकों ने पहली बार इस गुबार जिसे 'गैलेक्टिक हेलो' कहते हैं का फोटो लेकर उसका एनालिसिस किया है. यह दिखाता है कि मिल्की वे पहले से ही हमारी निकटतम पड़ोसी आकाशगंगा, एंड्रोमेडा के संपर्क में है.


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रिसर्चर्स के एनालिसिस के नतीजे Nature Astronomy जर्नल में छपे हैं. उन्होंने IRAS 08339+6517 नामक स्टारबर्स्ट गैलेक्सी के हेलो का एनालिसिस किया है. स्टारबर्स्ट गैलेक्सीज वे आकाशगंगाएं होती हैं जहां बेहद तीव्र गति से तारों का निर्माण होता है. IRAS 08339+6517 हमसे करीब 80.2 मेगापारसेक या करीब 260 मिलियन प्रकाश वर्ष की दूरी पर है.


दशकों पुराने रहस्य से उठने लगा पर्दा


परंपरागत टेलीस्कोप से देखने पर आकाशगंगाओं के सिरे साफ नजर आते हैं, जहां उसके भीतर के तारों का प्रकाश आना बंद हो जाता है. लेकिन तारे तो किसी आकाशगंगा में मौजूद सामान्य पदार्थ का सिर्फ एक-तिहाई (डार्क मैटर को छोड़ दें तो) होते हैं. आकाशगंगाओं के सामान्य पदार्थ का लगभग 70% हिस्सा तारकीय डिस्क के चारों तरफ गैस के गुबार जिसे - सर्कमगैलेक्टिक मीडियम (CGM) कहते हैं - में पाया जाता है. यह गैस प्रभामंडल दशकों से खगोल विज्ञान में एक रहस्य बना हुआ है.


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नई इमेजिंग तकनीक ने हमें क्या दिखाया?


अभी तक, एस्ट्रोनॉमर्स सिर्फ आकाशगंगा के पीछे किसी वस्तु से गुजरने वाले प्रकाश को मापकर ही गैस के इस गुबार की स्टडी कर पाते थे. गैस द्वारा अवशोषित प्रकाश का उपयोग इसकी संरचना का विश्लेषण करने के लिए किया जा सकता है. लेकिन अब डीप इमेजिंग से IRAS 08339+6517 के चारों तरफ मौजूद गैस के प्रभामंडल का पता चला है. ऐसा किसी भी आकाशगंगा के लिए पहली बार किया गया है.


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आकाशगंगा की तारकीय डिस्क इसके केंद्र से सिर्फ 7,800 प्रकाश वर्ष दूर तक फैली हुई है. नए फोटो से पता चलता है कि इसके चारों ओर की गैस कम से कम 100,000 प्रकाश वर्ष दूर गहरे अंतरिक्ष में फैली हुई है - उस क्षेत्र के किनारे तक जहां तक एस्ट्रोनॉमर्स देख पाए थे. रिसर्चर्स ने CGM और इंटरस्टेलर मीडियम के बीच साफ बाउंड्री का पता लगाया. यह वह जगह है जो किसी आकाशगंगा में तारा सिस्टमों के बीच होती है.


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