Moon Shocking Secrets Revealed: चांद को लेकर अब भी कई ऐसे रहस्य हैं जिनके बारे में जानने के लिए वैज्ञानिक लगातार रिसर्च और स्टडी कर रहे हैं. भारत, अमेरिका ही नहीं बल्कि चीन भी चांद में खास दिलचस्पी दिखा रहा है.
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Moon Shocking Secrets Revealed: चांद को लेकर अब भी कई ऐसे रहस्य हैं जिनके बारे में जानने के लिए वैज्ञानिक लगातार रिसर्च और स्टडी कर रहे हैं. भारत, अमेरिका ही नहीं बल्कि चीन भी चांद में खास दिलचस्पी दिखा रहा है. भारत के चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद तमाम देश चांद पर खोज के प्रति गंभीर हुए हैं. इस दिशा में चीन के ‘चांग ई-6’ मिशन की चर्चा जोरों पर है. हाल ही में चीन ने चांद से लाई गई मिट्टी को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है. आइये आपको बताते हैं चांद की मिट्टी को लेकर चीन द्वारा किया जा रहा दावा क्यों महत्वपूर्ण है?
चांद की मिट्टी को लेकर चीन का बड़ा दावा
चीन के ‘चांग ई-6’ मिशन द्वारा चंद्रमा के आखिरी छोर या सुदूरवर्ती हिस्से से लाए गए नमूनों में कई महत्वपूर्ण विशेषताएं सामने आई हैं. वैज्ञानिकों ने हाल ही में प्रकाशित एक शोध पत्र में बताया कि ‘चांग ई-6’ द्वारा लाए गए चंद्र मिट्टी के नमूनों का घनत्व अन्य क्षेत्रों से प्राप्त नमूनों की तुलना में कम है.
‘प्लेजियोक्लेज’ खनिज की मात्रा अधिक
इस अध्ययन में यह भी पाया गया कि ‘चांग ई-6’ नमूनों में ‘प्लेजियोक्लेज’ खनिज की मात्रा ‘चांग ई-5’ की तुलना में काफी अधिक है. जबकि ‘ओलिवाइन’ की मात्रा कम है. ‘प्लेजियोक्लेज’ पृथ्वी की पपड़ी में सबसे सामान्य खनिज समूह है. जबकि ‘ओलिवाइन’ मुख्य रूप से गहरे रंग की आग्नेय चट्टानों में पाया जाता है.
पाषाण खंडों की पहचान
इसके अलावा ‘चांग ई-6’ के नमूनों में बेसाल्ट, ब्रेक्सिया, एग्लूटिनेट, ग्लासेस और ल्यूकोक्रेट जैसे विभिन्न पाषाण खंडों की पहचान हुई है. भू-रासायनिक विश्लेषण से पता चला कि इनमें थोरियम, यूरेनियम और पोटेशियम जैसे सूक्ष्म तत्वों की सांद्रता अपोलो और ‘चांग ई-5’ मिशन के नमूनों से काफी अलग है.
चंद्रमा से 1,935.3 ग्राम नमूने लाए गए
यह उल्लेखनीय है कि चीन ने मई 2023 में 53 दिवसीय चंद्र अन्वेषण मिशन शुरू किया. जो मानव चंद्र अन्वेषण के इतिहास में एक महत्वपूर्ण कदम था. ‘चांग ई-6’ मिशन में चार घटक शामिल थे: एक ऑर्बिटर, लैंडर, एसेंडर और एक मॉड्यूल. इस मिशन के तहत चंद्रमा से 1,935.3 ग्राम नमूने प्राप्त किए गए.
रिसर्च में बड़ा खुलासा
इस अध्ययन को चीनी विज्ञान अकादमी की अलग संस्थाओं द्वारा संयुक्त रूप से किया गया. इससे पहले, जुलाई 2020 में, ‘चांग ई-5’ मिशन द्वारा लाए गए नमूनों में पानी के अणुओं की मौजूदगी पाई गई थी. चीन की विज्ञान अकादमी के अनुसार, 2020 में लाए गए नमूनों पर शोध करते समय एक हाइड्रेटेड खनिज की पहचान की गई, जो आणविक जल से “समृद्ध” है.
भारत के चंद्रयान-1 ने 2009 में ही कर दिया था बड़ा खुलासा
भारत के चंद्रयान-1 ने 2009 में चंद्रमा के सूर्यप्रकाश वाले क्षेत्रों में ऑक्सीजन और हाइड्रोजन के रूप में हाइड्रेटेड खनिजों की खोज की थी. यह जानकारी चंद्रमा के सतह और उसके रसायनिक अभिकरण के अध्ययन में बेहद महत्वपूर्ण है.