Science News: नासा के वैज्ञानिक पिछले पांच साल से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) मॉड्यूल में आई खराबी का हल नहीं खोज पाए हैं. अब वह समस्या इतनी बड़ी हो गई है कि उसे 'हाईएस्ट-लेवल रिस्क' घोषित करना पड़ा  है. वैज्ञानिकों के मुताबिक, स्पेस स्टेशन पर लगे एक छोटे रूसी पार्ट में लीकेज की समस्या है. यह एक तरह की टनल है जो बड़े मॉड्यूल को डॉकिंग पोर्ट से जोड़ती है. अमेरिकी और रूसी अंतरिक्ष एजेंसियों को पिछले पांच साल से इस लीकेज का पता है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यह लीक एक छोटे PrK मॉड्यूल में है. यह Progress स्पेसक्राफ्ट के एयरलॉक और Zvezda मॉड्यूल के बीच में मौजूद है. NASA के इंस्पेक्टर जनरल, जॉर्ज ए. स्कॉट की नई रिपोर्ट के मुताबिक, यह PrK मॉड्यूल में सितंबर 2019 से लीक हो रहा है.


तेजी से बढ़ती जा रही लीक की दर


फरवरी में, NASA ने पाया था कि लीक की दर प्रतिदिन 1 पाउंड से बढ़कर 2.4 पाउंड प्रतिदिन हो गई थी, तथा अप्रैल में यह दर 3.7 पाउंड प्रतिदिन तक पहुंच गई थी. यह लीक क्यों हो रहा है, इसका पता अमेरिकी और रूसी पांच साल में भी नहीं लगा पाए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों एजेंसियों ने इंटरनल और एक्सटर्नल वेल्ड पर फोकस किया है.


यह भी देखें: सुनीता को लाने वाला यान स्पेस स्टेशन पहुंच गया, फिर भी वापसी में 5 महीने और लगेंगे; जानिए कारण


लीक को कैसे रोकेंगे वैज्ञानिक?


NASA के अधिकारियों ने अब तक Zvezda मॉड्यूल के हैच को बंद रखा है. अगर लीकेज की समस्या और गंभीर होती है तो उन्हें हैच को स्थायी तौर पर बंद करना पड़ सकता है. इंस्पेक्टर जनरल की रिपोर्ट कहती है कि लीक का खतरा अब उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है. NASA के मुताबिक, Roscosmos (रूसी एजेंसी) को भरोसा है कि वे लीक की दर को असहनीय स्तर तक पहुंचने से पहले ही सर्विस मॉड्यूल के हैच की निगरानी करने और उसे बंद करने में कामयाब होंगे. लेकिन वह असहनीय स्तर क्या होगा, इसे लेकर सहमति नहीं बन पाई है.


विज्ञान के क्षेत्र की नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहां पढ़ें Latest Science News In Hindi और पाएं Breaking News in Hindi देश-दुनिया की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार. जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!