भारतीय वैज्ञानिक के नाम पर रखा जाएगा International Space Station पर मिले नए बैक्टीरिया का नाम, Mars Mission में ला सकता है क्रांति
अंतरिक्ष स्टेशन से मिला ये नया बैक्टीरिया पौधे के विकास के साथ-साथ पौधों को रोग से लड़ने की क्षमता भी प्रदान करता है. शोधकर्ताओं के मुताबिक,यह बैक्टीरिया अंतरिक्ष में फसल उगाने में भी मददगार साबित हो सकता है. हालांकि इस बारे में अभी ज्यादा शोध नहीं हुआ है लेकिन, अगर ये बात सच साबित होती है तो इस बैक्टीरिया की सहायता से मंगल ग्रह में फसल उगाने पर भी रिसर्च की जाएगी.
नई दिल्ली: नासा के Jet Propulsion Laboratory (JPL) के दो रिसर्चर्स ने एक बड़ी घोषणा की है. उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से इकठ्ठा किये गए नमूनों में बैक्टीरिया की एक नई प्रजाति की खोज की गई है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि नए बैक्टेरिया की ये प्रजाति अंतरिक्ष के मिशन में हमारी काफी मदद कर सकती है. हालांकि अब ये तो आगे की रिसर्च ही बता पाएगी कि ये बैक्टीरिया इंसानों की कितनी मदद कर सकेंगे.
भारतीय वैज्ञानिक के नाम पर होगा नामकरण
नासा के साथ काम कर रहे हैदराबाद विश्वविद्यालय के रिसर्चर्स कस्तूरी वेंकटेश्वरन और नितिन कुमार सिंह (Researchers Kasturi Venkateswaran and Nitin Kumar Singh) ने बताया कि नमूनों में उन्हें कुल 4 बैक्टीरिया मिले हैं. ये बैक्टीरिया Methylobacteriaceae परिवार से संबंधित हैं. इन चारों बैक्टीरिया में से एक बैटीरिया, जिसका नाम Methylorubrum rhodesianum है, की खोज पहले हो चुकी है. बाकि बचे तीन बैक्टीरिया बिलकुल नए हैं. दोनों शोधकर्ताओं के अनुसार इस नए बैक्टीरिया का नाम भारत के जैव विविधता वैज्ञानिक डॉ. अजमल खान के नाम पर Methylorubrum ajmalii रखे जाने की बात चल रही है.
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इस खोज से क्या मदद मिलेगी?
अंतरिक्ष स्टेशन से मिला ये नया बैक्टीरिया पौधे के विकास के साथ-साथ पौधों को रोग से लड़ने की क्षमता भी प्रदान करता है. शोधकर्ताओं के मुताबिक,यह बैक्टीरिया अंतरिक्ष में फसल उगाने में भी मददगार साबित हो सकता है. हालांकि इस बारे में अभी ज्यादा शोध नहीं हुआ है लेकिन, अगर ये बात सच साबित होती है तो इस बैक्टीरिया की सहायता से मंगल ग्रह में फसल उगाने पर भी रिसर्च की जाएगी.
क्या है अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन
अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station) एक बहुत बड़ा अंतरिक्ष यान है. यह लगातार पृथ्वी का चक्कर लगाता है. यह एक ऐसा स्टेशन है जहां अंतरिक्ष यात्री रहते हैं. इस स्टेशन में इंसानों के रहने के लिए सभी जरूरी सुविधाएं मौजूद हैं. इसके साथ ही यह एक विज्ञान प्रयोगशाला भी है.
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कई देश ने मिल कर किया तैयार
अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को कई सारी स्पेस एजेन्सी ने मिलकर तैयार किया है. इसे बनाने में अमेरिका की नासा के साथ रूस की रशियन फेडरल स्पेस एजेंसी (RKA), जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA), कनाडा की कनेडियन स्पेस एजेंसी (CSA) और यूरोपीय देशों की संयुक्त यूरोपीयन स्पेस एजेंसी (ESA) ने सहयोग किया है. इनके अलावा ब्राजीलियन स्पेस एजेंसी (AEB) भी नासा के साथ कार्यरत है.
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