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नई दिल्ली: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के मंगल ग्रह पर भेजे गए पर्सीवरेंस रोवर (NASA Perseverance rover) ने अपने पेट के नीचे लगा कवर हटा दिया है. इसके साथ ही अब कंगारुओं की तरह उसके पेट में छिपा इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर (Ingenuity Mars Helicopter) साफ दिखने लगा है. इंजीन्यूटी ने लाल ग्रह की हवाओं में सांसे लेली है. अब यह देखा जाएगा कि मंगल ग्रह के वायुमंडल में रोटरक्राफ्ट टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा सकता है या नहीं.
Getting ready for takeoff! Join the @NASAPersevere rover & Ingenuity #MarsHelicopter teams for a preview of the next steps before we attempt the first powered flight on another planet. Tune in:
Tues., March 23
10:30am PT/1:30pm ET/17:30 GMT
https://t.co/wh9rjWT4gd— NASA Mars (@NASAMars) March 22, 2021
इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर (Ingenuity Mars Helicopter) को पर्सीवरेंस रोवर ने अपने नीचे पहियों के ऊपर पेट में एक कवर के अंदर सहेज कर रखा था. 21 मार्च को यह कवर हटाया दिया गया. इसके बाद अप्रैल के पहले सप्ताह में इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर की उड़ान के लिए ट्रायल लेगा. NASA ने ट्विटर हैंडल पर लिखा था कि जल्द ही इस रोवर के पेट से उड़ने वाला पक्षी निकलेगा. यह नए रास्ते खोलेगा.
BREAKING: NASA is preparing to test the Ingenuity Mars helicopter pic.twitter.com/KUw3jBRfsE
— Latest in space (@latestinspace) March 22, 2021
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NASA के वैज्ञानिकों ने कहा कि इसके पहले धरती के अलावा किसी भी दूसरे ग्रह पर रोटरक्राफ्ट या ड्रोन हेलिकॉप्टर नहीं भेजा गया है. यह पहली बार है जब इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर मंगल ग्रह पर उड़ान भरेगा. अगर यह उड़ान के समय सफलता हासिल करता है तो भविष्य में अन्य ग्रहों पर ऐसे ड्रोन या रोटरक्रॉफ्ट जैसे यान भेजा जा सकेगा.
NASA expects to attempt the first test flights of Mars helicopter Ingenuity no earlier than the first week of April, the agency says.
The helicopter was carried to the surface by @NASAPersevere, which landed last month. pic.twitter.com/nlyoapd4pK
— Michael Sheetz (@thesheetztweetz) March 17, 2021
नासा ने कहा कि मंगल के वातावरण में यह छोटा हेलिकॉप्टर सतह से 10 फीट ऊंचा उठकर एक बार में 6 फीट तक आगे जाएगा. इस मिशन पर काम करने वाली टीम ने कहा कि Ingenuity की कुछ उड़ानें पूरी होने के बाद, पर्सिवरेंस रोवर अपने मुख्य उद्देश्य पर फोकस करेगा. यह मार्स पर प्राचीन जीवन के संकेतों का पता करेगा. पृथ्वी पर लौटने से पहले सैंपल जमा करेगा.
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पर्सिवरेंस मार्स रोवर और इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर मंगल ग्रह पर कार्बन डाईऑक्साइड से ऑक्सीजन बनाने का काम करेंगे. ये वहां मौसम का अध्ययन करेंगे ताकि भविष्य में मंगल ग्रह पर जाने वाले एस्ट्रोनॉट्स को आसानी हो. रोवर में लगे मार्स एनवायर्नमेंटल डायनेमिक्स एनालाइजर यह बताएगा कि मंगल ग्रह पर इंसानों के रहने लायक स्थिति है या नहीं. इसमें तापमान, धूल, वायुदाब, धूल और रेडिएशन आदि का अध्ययन किया जाएगा.
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