नई दिल्ली: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) की मानव जीवन में एक अहम भूमिका है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तकनीकों को लेकर दुनिया में शोध तेज हो गए हैं. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) की मदद से कई ऐसे काम को आसान बनाया जा सकता है, जिन्हें कर पाना आमतौर पर असंभव होता है.


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एक रिसर्च में बताया गया है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) स्टैंडर्ड ईसीजी टेस्ट (Standard ECG Test) की मदद से किसी भी मरीज की एक साल के अंदर होने वाली संभावित मौत का कारण बता सकता है.


रिसर्च में हुआ हैरान कर देने वाला खुलासा


पेनसिल्वेनिया (Pennsylvania) में गिसिंजर हेल्थ सिस्टम के शोधकर्ताओं (Researchers) ने इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए पहले 40000 रोगियों के 1.77 मिलियन ईसीजी टेस्ट (ECG Test) के परिणामों का विश्लेषण किया. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के न्यूरल नेटवर्क मॉडल (Neural Network Model) ने इन तथ्यों के परीक्षण के आधार पर जो निष्कर्ष दिखाए, वे बेहद चौंकाने वाले और सटीक थे.


जिन मरीजों की चिकित्सकों ने सामान्य ईसीजी रिपोर्ट बताई थी, उनमें भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सही समस्या ढूंढने में कामयाब रहा. गिसिंजर हेल्थ सिस्टम इमेजिंग साइंस एंड इनोवेशन विभाग के अध्यक्ष ब्रैंडन फॉर्नवाल्ट ने कहा कि यह इस अध्ययन की महत्वपूर्ण खोज है. इससे हमें भविष्य में ईसीजी के परिणामों की विवेचना करने में और आसानी होगी. 


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क्या है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस


आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) को हिंदी में कृत्रिम बुद्धिमत्ता कहा जाता है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) का मतलब है कि इंसान की सोचने की तरह सोचने वाली मशीन या कहें कि इंसानी विवेक भावनाएं हम मशीन में डाल दें. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वह तकनीक है, जिसके तहत रोबोट (Robot) किसी भी हालात में इंसानों की तरह सोच सकें और उसके मुताबिक निर्णय ले सकें. 


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