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नई दिल्ली. पिछले काफी वर्षों से एलियंस (Aliens) को लेकर नई-नई बातें सामने आती रहती हैं. कभी एलियंस (Aliens) वैज्ञानिकों से रेडियो सिग्नल (Aliens Radio Signals) के द्वारा संपर्क साधते हैं तो कभी आसमान में उड़न तश्तरी देखे जाने का दावा किया जाता है. अब हार्वर्ड के प्रोफेसर (Harvard Professor) एवी लोएब (Avi Loeb) ने एलियंस (Aliens) को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है. इसे सुनकर हर कोई हैरान है. जानिए क्या है प्रोफेसर एवी लोएब (Avi Loeb) का एलियंस (Aliens) पर बड़ा खुलासा.
हार्वर्ड के प्रोसेफर एवी लोएब (Professor Avi Loeb) ने दावा किया है कि पृथ्वी (Earth) की ओर उल्काओं (Meteors) या क्षुद्रग्रहों (Asteroid) का आना सामान्य घटना नहीं है. इस तरह के पिंड जो पृथ्वी की ओर आ रहे हैं, वे दरअसल अंतरिक्ष (Space) से आने वाला वह कचरा (Garbage) हैं, जो एलियंस (Aliens) ने वायुमंडल में फेंका है.
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प्रोफेसर एवी लोएब (Avi Loeb) हार्वर्ड खगोल विज्ञान विभाग के अध्यक्ष हैं. उन्होंने हाल ही में अपनी पुस्तक प्रकाशित की है. इस पुस्तक का नाम ‘एक्स्ट्राटेरेस्ट्रियल: द फर्स्ट साइन ऑफ इंटेलिजेंट लाइफ बियॉन्ड अर्थ’ (Extra Terrestrial: The First Sign Of Intelligent Life Beyond Earth) है. इसी किताब में उन्होंने दावा किया है कि अंतरिक्ष (Space) से आने वाले चमकदार पत्थर इस बात की ओर इशारा करते हैं कि पृथ्वी से बाहर भी जीवन मौजूद है.
प्रोफेसर एवी लोएब (Avi Loeb) ने अपनी किताब में लिखा है कि साल 2107 में अंतरिक्ष में कचरा गिराया गया था. उस चीज ने हाल ही में हमारे सौरमंडल में उड़ान भरी और वह एक चमकदार चट्टान जैसा बन गया. लोएब (Loeb) ने आगे लिखा कि 6 सितंबर 2017 को एक पिंड पृथ्वी के वायुमंडल में आया था और फिर 9 सितंबर 2017 को सूर्य के पास चला गया था.
प्रोफेसर ने यह भी लिखा कि वेगा तारा (Vega Star) पृथ्वी से 25 प्रकाश दूरी पर स्थित है. वेगा तारा शुक्र ग्रह के नजदीक से 58900 मील प्रति घंटा की रफ्तार से गुजरा और पैगासस (Pegasus) तारासमूह के पास चला गया. उसके बाद वेगा तारा (Vega Star) 7 अक्टूबर को पृथ्वी (Earth) की ओर वापस आया.
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इस पिंड का नाम ओउमुआमुआ (Oumuamua) है. सौरमंडल में नजर आने वाला यह पहला पिंड था. वैज्ञानिकों का कहना है कि इस पिंड पर सौरमंडल के गुरुत्व का कोई प्रभाव नहीं पड़ा था.
एवी लोएब (Avi Loeb) ने अपनी किताब में बताया है कि गुफा में रहने वाला व्यक्ति किसी सेलफोन (Cell Phone) को एक चमकीला पत्थर ही समझेगा. लोएब ने बताया कि यह पिंड हर 8 घंटे में सूर्य का प्रकाश प्रतिबिंबित करता है. इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि यह एक चक्कर लगाने में 8 घंटे लगाता है.