'एक वीर की अरदास: वीरा' शो से घर-घर में अपनी पहचान बनाने वाली दिगंगना सूर्यवंशी, बिग बॉस 9 में सबसे कम उम्र की कंटेस्टेंट के रूप में शामिल हुईं। 57 दिनों तक घर में रहने के बाद दिंगगना को एलीमिनेट कर दिया गया। दूसरों के मुकाबले शांत रहने वाली दिगंगना ने आईएमइन (iamin) की संवाददाता ज्योति चाहर के साथ बिग बॉस के अपने सफर के खट्टे मीठे अनुभव साझा किए। पेश हैं दिगंगना के साथ हुई चटपटी बातचीत के प्रमुख अंश:-


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आपका बिग बॉस का सफर कैसा रहा?
बिग बॉस का सफर रोलर कोस्टर राइड की तरह था। मैंने अपना एक डिफरेंट साइड एक्सपलोर किया। मैं लाइफ में कभी अपनी फैमिली के बिना नहीं रही हूं। यहां तक कि मैंने कभी दूध भी नहीं उबाला और वहां लोगों के लिए 40-40 परांठे बनाए हैं। खाना बनाना, बर्तन धोना ये सब तो मेरे वाइलेड्स्ट ड्रीम का भी हिस्सा नहीं था। वहां सारे काम आप खुद करते हो, अलग तरह के लोगों के बीच रहते हो। मुझे एक चीज में कभी प्रॉब्लम नहीं हुई और वो है लोगों की परख करना। बिग बॉस में मुझे इस बात का अहसास हुआ कि मैं बाकी लोगों के मुकाबले काफी शांत हूं। ये मेरी लाइफ का ऐसा अनुभव है, जो मुझे हमेशा याद रहेगा।


बिग बॉस के घर से बाहर निकलने के बाद का अनुभव कैसा है?
जब मैं बिग बॉस से बाहर निकली तब 2-3 घंटे तो मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं किसी दूसरे प्लानेट पर आ गई हूं। मैंने तो रेज़ोल्यूशन ले लिया है कि मैं 2-3 महीनों तक परांठा नहीं खाउंगी। अब तो मुझे परांठा देखकर ही कुछ अजीब सा होने लगता है।(हंसते हुए)


इस दौरान आपने खुद में कुछ बदलाव महसूस किए?
मैंने ऐसे कोई खास बदलाव खुद में नहीं देखा। बस आप अपना एक डिफरेंट साइड इसलिए देख पाते हो क्योंकि न वहां आपको कोई इमोशनल सपोर्ट मिलता है और सारे फैसले भी आपको खुद ही लेने पड़ते हैं, तो कहीं न कहीं आपका व्यक्तित्व दिखाई दे रहा है। हां, एक बात ये है कि मैं हमेशा से जानती थी कि मुझे इंफ्लुऐंस नहीं किया जा सकता लेकिन बिग बॉस में जाने के बाद अब ये साबित हो गया है कि मुझे सच में ही कोई इंफ्लुऐंस नहीं कर सकता। मैंने आपने आपको अच्छी तरह से डिस्कवर किया और बहुत सारी हिंदी भी बोली।


अगर मौका मिले तो क्या आप फिर से बिग बॉस में जाना पसंद करेंगी?
मैं ज़रूर जाना चाहूंगी, क्योंकि मेरे फैंस बहुत अपसेट हैं। जिस तरह से मेरा एलीमिनेशन हुआ था, ऐसा लग रहा था मुझे सपोर्ट करने वालों की मेहनत मानो पानी में ही चली गई। अपने फैंस के लिए मैं एक बार बिग बॉस में ज़रूर जाना चाहुंगी।


आपसे शो को इतना मिर्च-मसाला नहीं मिल रहा था। कहीं इसलिए तो आपका ऐलिमिनेशन प्लान नहीं किया गया?
मैं बकवास 20 सेकंड से ज़्यादा नहीं झेल सकती। मैं टीवी ही बंद कर दूंगी। लोगों की ज़िंदगी में इतनी टेंशन ऐसी होती है, ऐसे में टीवी पर आप लोगों को हमेशा लड़ते हुए नहीं देख सकते। मैं खुद को नहीं बदल सकती। मैं अपना प्वाइंट रख सकती हूं, पर चिल्ला नहीं सकती। मुझे चीखना-चिल्लाना बिल्कुल पसंद नहीं। आप चिल्लाकर बात भी कैसे कर सकते हैं? ये तो स्ट्रीट फाइट ही हो गई ना। अगर उनको ऐसी ही फाइट देखनी थी तो उनको रेसलर को लेकर आना चाहिए था। मगर शो का मुद्दा ये नहीं था। मुझे बस इस बात की खुशी है कि मुझे वोट-आउट नहीं किया गया।


आप खुश हैं कि दर्शकों ने आपको वोट-आउट नहीं किया?
मेरा स्क्रीन स्पेस दूसरों से कम था। हर हफ्ते में नोमिनेट हो रही थी और हर हफ्ते मुझे सबसे ज़्यादा वोट मिल रहे थे। मेरे फैंस मेरे लिए काफी वोट कर रहे थे। मुझे इसकी काफी खुशी है। मैं जैसे अंदर गई थी, उसी ग्रेस के साथ बाहर आयी हूं। लोगों ने मुझे बहुत प्यार से अपनाया है।


सुना है कि आपने सलमान खान के लिए गाना भी लिखा था।
जिस दिन मेरा ऐलिमेनेशन हुआ था, उस दिन मैंने सलमान सर को ये गाना सुनाया भी था। मैंने एक गाना बिग बॉस पर भी लिखा था। वहीं पैन और पेपर तो मिलता नहीं है तो मैं गा-गाकर याद करती थी।


सलमान के साथ हुई बातचीत के बारे में कुछ बताएं।
मुझे सलमान सर के साथ हुई अपनी बातचीत याद है। खासकर वो बात जब घर में सभी ये बोल रहे थे कि ये तो अभी 18 साल की हुई है। तब सलमान सर ने बोला था कि ये घर में मौजूद सभी कंटेस्टेंट में से सबसे ज़्यादा मैच्योर और सेंसिबल है। इसके बाद मेरे ऐलिमेनेशन के टाइम पर भी सलमान सर काफी उदास थे। उनको लग रहा था कि मुझे घर वाले बाहर नहीं निकालेंगे। उन्होंने ये भी बोला था कि वोटिंग सिस्टम होता तो तुम एलिमिनेट न होतीं। उन्होंने मुझसे कहा कि मैंने काफी अच्छे से खेला और जिस तरह की मैं इंसान हूं, स्क्रीन पर भी वही दिखाई दिया।


आपके हिसाब से कौन विनर बन सकता है?
मुझे मंदना काफी पसंद हैं। मेरे हिसाब से उन्हें ये शो जीतना चाहिए।


घर में सबसे ज़्यादा गेम कौन खेलता है?
कौन नहीं खेलता(हंसते हुए)। सब लोग कुछ न कुछ करते ही रहते हैं।


सलमान खान ने भी माना है कि इस बार शो की TRP काफी कम है। आपको इसकी क्या वजह लगती है?
सबको ये लगता है कि जितना आप ड्रामा दिखाओगे, उतना शो चलेगा। लेकिन मुझे लगता है कि ये शो इतने ड्रामा के साथ काफी स्टूपिड हो गया है। घर में ऐसे मुद्दों पर लड़ाई होती है, जो सुनने में ही अटपटा लगता है। सबकुछ इतना बनावटी होने के कारण लोगों को देखने में उतना मजा नहीं आ रहा।