Varanasi News: उत्तर प्रदेश के वाराणसी के मलहिया गांव में दो स्थानीय समुदायों की कम से कम 40 अविवाहित लड़कियों को मैसेज मिला कि वे महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के पोषण ट्रैकर कार्यक्रम के तहत गर्भवती माताओं के रूप में पंजीकृत हैं.
इन मैसेज में कहा गया था कि अविवाहित लड़कियां मातृ स्वास्थ्य और पोषण सेवाओं का उपयोग कर सकती हैं. ऐसे मैसेज मिलने पर लड़कियों और उनके परिवारों में चिंता पैदा हो गई, जिसके बाद उन्होंने इस मुद्दे को वाराणसी के मुख्य विकास अधिकारी (CDO) तक पहुंचाया.
मैसेज में इन अविवाहित लड़कियों को स्तनपान कराने वाली माताएं (Breastfeeding Mothers) बताया गया था और सुझाव दिया गया था कि वे स्थानीय आंगनवाड़ी केंद्र से हॉट मील, परामर्श और स्वास्थ्य निगरानी सेवाएं प्राप्त कर सकती हैं.
पोषण ट्रैकर से आया मैसेज
मैसेज में लिखा था, 'पोषण ट्रैकर में आपका स्वागत है. स्तनपान कराने वाली मां के रूप में, आप आंगनवाड़ी केंद्र से घर पर जाकर गर्म पका हुआ भोजन या राशन, परामर्श, बच्चे के स्वास्थ्य की निगरानी और स्तनपान सहायता जैसी सेवाओं का लाभ उठा सकती हैं.'
रेखा साहनी और राखी साहनी जैसी लड़कियों को उनके 'बच्चे' के पोषण ट्रैकर में सफलतापूर्वक पंजीकरण के लिए बधाई संदेश भेजे गए और उन्हें अतिरिक्त सहायता के लिए हेल्पलाइन पर कॉल करने के लिए प्रोत्साहित किया गया.
एक संदेश में तो यहां तक कहा गया, 'बधाई हो रेखा साहनी! आपका बच्चा, पीहू, पोषण ट्रैकर में सफलतापूर्वक पंजीकृत हो गया है.' यानी बच्चे का नाम भी दर्ज था.
अब ये गलती से हुआ या कोई व या जबरदस्ती की गई कोई गड़बड़ी तो नहीं?
गांव की साहनी और मल्लेन बस्ती की महिलाओं ने तुरंत ग्राम प्रधान अमित पटेल के समक्ष यह मुद्दा उठाया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गांव के प्रधान पटेल ने यह सवाल उठाया कि इतनी बड़ी गलती कैसे हो सकती है, जिससे 35 से 40 लोग प्रभावित हो गए हैं. उन्होंने आंगनवाड़ी केंद्र के संचालन की जांच की मांग की. उन्होंने आरोप लगाया कि पोषण सहायता उन लोगों तक नहीं पहुंच रही है, जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है.
CDO ने क्या कहा?
इस स्थिति पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्य विकास अधिकारी (CDO) हिमांशु नागपाल ने कहा कि वास्तव में एक त्रुटि हुई थी, जिसके कारण अविवाहित किशोर लड़कियों को गर्भवती के रूप में पंजीकृत किया गया था. नागपाल के अनुसार, यह गड़बड़ी इसलिए हुई क्योंकि स्थानीय आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, जो मतदाता पंजीकरण के लिए जिम्मेदार बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) के रूप में भी काम करती है, उन्होंने गलती से मतदाता पंजीकरण और पोषण कार्यक्रम के लिए फॉर्म को मिला दिया.
शिकायत दर्ज होने के बाद पंजीकरण की गलती का पता चला और गलत डेटा को पोर्टल से हटा दिया गया है. प्रारंभिक जांच से पता चला कि इन पंजीकरणों के तहत कोई वास्तविक पोषण सहायता या लाभ वितरित नहीं किया गया था. आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को नोटिस जारी कर दिया गया है तथा इस गलती को सुधारने के लिए आगे की जांच चल रही है.
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