BJP ने हरियाणा और कश्मीर में बदली रणनीति, मुस्लिम उम्मदीवारों को उतारने के पीछे क्या मकसद?

BJP Muslim Candidates: भाजपा ने हरियाण और जम्मू कश्मीर में मुस्लिम कैंडिडेट्स भी चुनावी मैदान में उतारे हैं. पार्टी ने जम्मू-कश्मीर में 10 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिए हैं, हरियाणा में भी 2 सीटों पर मुस्लिम कैंडिडेट उतारे गए हैं.

Written by - Ronak Bhaira | Last Updated : Sep 11, 2024, 11:26 AM IST
  • हरियाणा में दो मुस्लिमों को टिकट
  • जम्मू-कश्मीर में 10 उम्मीदवार उतारे
BJP ने हरियाणा और कश्मीर में बदली रणनीति, मुस्लिम उम्मदीवारों को उतारने के पीछे क्या मकसद?

नई दिल्ली: BJP Muslim Candidates: भाजपा ने हरियाणा और जम्मू-कश्मीर की अधिकांश सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए हैं. पार्टी ने इस बार बीते चुनाव के मुकाबले अपनी रणनीति में बदलाव किया है. भाजपा ने जम्मू-कश्मीर में 57 में से 10 टिकट मुस्लिम उम्मीदवारों को दिए हैं. हरियाणा में भी पार्टी ने 2 मुस्लिमों को उम्मीदवार बनाया है. आमतौर पर ये धारणा है कि मुस्लिमों का भाजपा से 36 का आंकड़ा है, फिर भी भाजपा ने मुस्लिम उम्मीदवारों पर विश्वास क्यों जताया है?

पुन्हाना से टिकट पाने वाले एजाज खान कौन?
भाजपा ने हरियाणा की जिन सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट थमाया है, वहां पर बीते साल जुलाई में ही सांप्रदायिक दंगे हुए थे. ये दोनों सीटें मेवात की हैं. इसमें पजली सीट पुन्हाना है, यहां से भाजपा ने एजाज खान को टिकट दिया है. उन्हें किरण चौधरी के कोटे से टिकट मिला है. पिता चौधरी मरहूम सरदार खान प्रदेश के गृह राज्य मंत्री रहे हैं. 2019 में कांग्रेस ने एजाज को टिकट दिया, लेकिन फिर इनका टिकट काटकर इनके चचेरे भाई मोहम्मद इलियास को थमा दिया. 2019 में एजाज ने कांग्रेस छोड़ी और भाजपा में आ गए. 

फिरोजपुर झिरका से टिकट पाने वाले नसीम अहमद कौन?
नसीम अहमद दो बार फिरोजपुर झिरका से विधायक रह चुके. 2014 में वे INLD से विधायक रहे. फिर 2019 का चुनाव भाजपा की टिकट पर लड़ा. इनके पिता चौधरी मरहूम शकरुल्लाह खान हरियाणा सरकार में कई बार पशुपालन मंत्री रह चुके हैं.

BJP ने मुस्लिम उम्मीदवारों पर क्यों जताया भरोसा?

1. स्थानीय समीकरण: भाजपा हरियाणा की फिरोजपुर झिरका और पुन्हाना सीट से कभी चुनाव नहीं जीत पाई है. यहां पर बीते विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने बाजी मारी थी. अब पार्टी चाहती है कि इस बार यहां नया प्रयोग किया जाए, इसलिए दोनों सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं. भाजपा को उम्मीद है कि इसका प्रभाव बगल की नूंह सीट पर भी पड़ेगा और वहां के कुछ मुस्लिम वोटर्स भी भाजपा को वोट कर सकते हैं. ऐसे ही समीकरण जम्मू-कश्मीर में भी बन रहे हैं, वहां भी भाजपा स्थानीय समीकरणों को साधने 

2. गठबंधन में बड़ा संदेश: मोदी 1.0 और मोदी 2.0 में भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ सरकार में थी. लेकिन मोदी 3.0 में भाजपा के अपने दम पर सरकार में नहीं रह सकती, सहयोगियों को भी साधकर रखना होगा. JDU, TDP और LJP (R) जैसे सहयोगी भी हैं, जिनके फोकस में मुस्लिम वोटर्स भी रहते हैं. भाजपा अपनी धर्मनिरपेक्ष छवि बनाने की कोशिश कर रही है.

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