अनादिकाल से खजाने और राजपाट के लिए लूट और युद्ध होते रहे हैं परन्तु चित्रकूट अपवाद है, जहाँ पर प्रभु श्रीराम ने वनवास के 12 वर्ष बिताये. राम द्वारा राजपद स्वीकार नहीं करने पर भरत ने उनकी पादुका सिंहासन पर रखकर राजपाट चलाया, लेकिन खुद राजा नहीं बने. राम-भरत मिलाप की पावन भूमि चित्रकूट में जुड़वाँ बच्चों की निर्मम हत्या के अपराधियों को फास्ट ट्रायल  के बाद मृत्युदण्ड की सजा मिलनी ही चाहिए- 


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दो राज्यों में बसे चित्रकूट में बढ़ते अपराध- अपहरण मध्य प्रदेश की सीमा में  स्थित स्कूल के पास से हुआ, जबकि बच्चों के शव उत्तर प्रदेश की सीमा में यमुना नदी से बरामद हुए. दोनों राज्यों की पुलिस में समन्वय की कमी से उपजे गतिरोध का फायदा कई बार अपराधियों को मिल जाता है. चित्रकूट के चार धाम और हनुमानधारा जैसे अधिकांश धार्मिक स्थल मध्य प्रदेश की सीमा में हैं, लेकिन नगरीय इलाका उत्तर-प्रदेश की सीमा में है. चित्रकूट में कामदगिरी की पांच किलोमीटर की परिक्रमा में उत्तर-प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमायें कई बार मिलती-बिछुड़ती हैं. चित्रकूट में दोनों राज्यों की पुलिस के थाने और दो नगर-पालिकायें हैं. इस विसंगति को खत्म करने के लिए चित्रकूट में दोनों राज्यों के हिस्सों को एकजुट करके स्वायत्त क्षेत्र बनाने की कई बार मांग हुई, जिस पर अब त्वरित एक्शन की जरुरत है. चित्रकूट धार्मिक आस्था का अंतर्राष्ट्रीय  केन्द्र है, जहाँ हर साल करोड़ों पर्यटक आते हैं. रहीम ने कहा था- 


चित्रकूट में रमि रहे, रहिमन अवध नरेश 
जापर विपदा पड़त है, सो आवत यह देश...


लेकिन जब स्थानीय वासियों पर ही विपदा पड़ने लगे तो फिर बाहरी लोगों का विपदा हरण कैसे होगा?
भारत-रत्न नानाजी और ग्रामोदय- सक्रिय राजनीति से संयास लेकर चित्रकूट में ग्रामोदय की स्थापना करने वाले नानाजी देशमुख को राष्ट्र ने भारत-रत्न से सम्मानित किया. ग्रामोदय के अनेक विद्यार्थियों ने कला, पर्यावरण और मीडिया के क्षेत्र में अनुपम उपलब्धि हासिल की है.  शिक्षित युवाओं में बढ़ती बेरोजगारी की वजह से चित्रकूट के अनेक युवा ड्रग्स और अपराध का शिकार हो रहे हैं. 13 दिन तक बच्चों को वीडियो गेम में शामिल करके और परिवार वालों से सम्पर्क के लिए इंटरनेट कॉलिंग से जाहिर है कि हत्यारे तकनीक के इस्तेमाल से वाकिफ थे. बच्चों की हत्याकाण्ड में शामिल छात्र और शिक्षकों ने शिक्षा जगत को कलंकित किया है. प्रधानमंत्री मोदी ने बुन्देलखण्ड में डिफेंस कॉरिडोर के साथ 20 अरब की बिजली-पानी, सिंचाई और रेल परियोजनाओं की सौगात दी है. चित्रकूट में सरकारी योजनाओं की बन्दरबांट की वजह से स्थानीय इन्फ्रास्क्ट्रचर का विकास नहीं हो रहा और ठेकेदारों की आड़ में अपराधियों की संख्या बढ़ रही है. नाना जी के सपनों के अनुसार ग्राम-स्वराज और उद्यमिता के विकास को यदि मोदी सरकार के कौशल-विकास से जोड़ दिया जाये तो चित्रकूट के युवाओं में रोजगार बढ़ने के साथ अपराध के संकट भी कम हो सकते हैं. 



अवैध माइनिंग और भू-माफिया से बुन्देलखण्ड की नदियाँ संकट में- मासूम बच्चों के शव यमुना नदी में मिले, जिसके किनारे तुलसीदास ने राजापुर में रामचरितमानस का सृजन किया था. चित्रकूट में मंदाकिनी नदी के किनारे रामघाट में तुलसीदास को राम-लक्ष्मण के साथ हनुमान जी के भी दर्शनों का सुअवसर मिला था-


चित्रकूट के घाट में, भई संतन की भीड़ 
तुलसीदास चन्दन घिसैं, तिलक देत रघुबीर...


वाल्मीकी, अत्रि और तुलसीदास की भूमि पर हथियारों से लैस माइनिंग और भू-माफिया का आधिपत्य बढ़ता जा रहा है. केन्द्र और राज्य सरकारों द्वारा पाठा क्षेत्र के लिए खरबों रुपयों की पानी की योजनायें, इन्हीं ठेकेदारों की वजह से सफल नहीं हुईं. पानी के संकट की वजह से किसान और गांव उजड़ रहे हैं, जिसमें अनेक युवा अपराध का शॉर्टकट भी अपनाने लगे हैं. बच्चों की हत्या में शामिल अपराधियों की बाईक में रामराज्य लिखा था, जिसे अब राजनीतिक रंग दिया जा रहा है. राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त ने चित्रकूट में रामभरत मिलाप के प्रसंग को साकेत महाकाव्य में अद्भुत तरीके से उभारा है, जहाँ कैकेयी ने अपने अपराध की स्वीकरोक्ति करते हुए राम से कहा-


अपराधिन मैं हूँ तात, तुम्हारी मैया...


जुडवाँ बच्चों के हत्यारे किसी भी जाति, धर्म या दल के हों उन्हें दण्डित करने के लिए सभी नेताओं को एकजुट होना चाहिए. 


चित्रकूट के माध्यम से देशव्यापी क्रान्ति हो- दोनों बच्चे जिस स्कूल में पढ़ते थे, वहाँ के अस्पताल और संस्थान में हर साल लाखों लोगों का इलाज होता है. आंखों के इलाज के लिए दूर-दराज से आये लोगों की चित्रकूट में सेवा के लिए गुजरात और मुम्बई के सुदूर इलाकों से डॉक्टर आते हैं. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और सहस्त्रशताब्दी के स्टार अमिताभ बच्चन भी चित्रकूट से जुड़े रहे हैं. संत स्व. श्रीरणछोड़दास जी महाराज की स्मृति में चलाये जा रहे सद्गुरु सेवा संघ के साथ पंजाबी भगवान के आश्रम, रामभद्राचार्य जी और स्व. नानाजी की संस्थाओं द्वारा चित्रकूट में अनेक अच्छे कार्य हो रहे हैं. राम ने रावण के साथ युद्ध के पहले चित्रकूट से ही आसुरी शक्तियों के विनाश का संकल्प लेते हुए कहा था-


निसिचर हीन महि करहुं, भुज उठाई प्रण कीन्ह...


चुनावों के समय कांग्रेस ने चित्रकूट से राम वन-गमन रथ यात्रा निकाली थी और अब मध्य प्रदेश में उनकी सरकार है. भाजपा की केन्द्र और उत्तर प्रदेश सरकार ने भी अयोध्या से चित्रकूट को जोड़ते हुए प्रयागराज में कुम्भ का सफल आयोजन किया है. मासूम बच्चों की मौत पर चित्रकूट को राजनीति से ज्यादा नाना जी के त्याग के आदर्शों की जरुरत है, जिससे भविष्य में ऐसे जघन्य अपराधों की पुनरावृत्ति ना हो.


(लेखक विराग गुप्‍ता सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता और संवैधानिक मामलों के विशेषज्ञ हैं)


(डिस्क्लेमर : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं)