सोनम कपूर का एक ख़त सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें सोनम टीनएज लड़कियों को रुपहले पर्दे पर दिखने वाली खूबसूरती की असलियत बता रही हैं. सोनम कपूर हमेशा अपनी बेबाकी और ईमानदारी के लिए जानी जाती हैं. सोनम के इस लेटर से उनकी वाहवाही हो रही है. टीनएज यानि की लड़कपन की उम्र, वो उम्र जब लड़कियों को, लड़कों को बाहरी आकर्षण, बाहरी दिखावा लुभाता है. वो चमक दमक की तरफ़ भागते हैं बिना ये सोचे कि इस चमक के पीछे की सच्चाई क्या है. सोनम कपूर लिखतीं हैं कि टीनएज लड़कियों, अगर तुम सुबह जगकर अपने बेडरूम के शीशे में खुद को देखती हो और ये सोचती हो कि आखिर तुम उन तमाम सेलिब्रिटीज़ की तरह क्यों नहीं दिखती हो, तो ये जान लो कि कोई भी लड़की बिस्तर छोड़ते ही वैसी नहीं दिखती है. मैं तो नहीं दिखती, ना ही कोई भी हिरोइन जिन्हें तुम फिल्मों में देखती हो. सोनम बड़ी बेबाक़ी से रुपहले पर्दे पर, मैग्ज़ीन में दिखने वाली खूबसूरती की सच्चाई बयान करती हैं. 


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सोनम कहती हैं कि अब असली बात जान लो- हर पब्लिक प्रोग्राम में जाने से पहले मैं अपने मेकअप की कुर्सी में बैठकर 90 मिनट का वक्त देती हूं. तीन से 6 लोग मेरे बाल और मेकअप पर काम करते हैं, जबकि एक आदमी मेरा नाखून तराशता रहता है. हर सप्ताह मेरी भवें संवारी जाती हैं, उनकी थ्रेडिंग और ट्वीज़िंग की जाती है. मेरे शरीर के कई हिस्सों में कन्सीलर लगा होता है, जिनके बारे में मैं कभी सोच भी नहीं सकती थी कि इन्हें छुपाने की ज़रूरत होती होगी.  नौजवान लड़कियों को सोनम बताती हैं कि उनके खाने पीने के लिए कितने लोग लगे हैं. उन्हें क्या खाना है, क्या नहीं ये बताया जाता है. खाने के लिए, कपड़ों के लिए, मेकअप के लिए दर्जनों लोग नौकरी पर रखे जाते हैं. 


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सोनम लड़कियों से कहती हैं कि खुद में यक़ीन करो, ऐसा बनने की सोचो जहां तुम खूबसूरत, उन्मुक्त और खुश रहो जहां तुम्हें एक ख़ास तरीके से बनने की कोई ज़रूरत ना हो. और हां अगली बार जब भी किसी 13 साल की बच्ची को किसी मैगज़ीन कवर पर चमकती बॉलीवुड सेलिब्रिटी की तस्वीर को ललचायी नज़रों से देखो तो उसी वक्त उसे ये बताकर उसका भ्रम तोड़ दो. उसको बता दो कि वो कितनी खूबसूरत है. उसकी सुंदर मुस्कुराहट की बात करो, उसकी हंसी, उसकी बुद्धि या उसके आत्मविश्वास की बात करो. उसके भीतर ये विचार पनपने मत दो कि उसमें कोई कमी है या उसमें ऐसा नहीं है जो पोस्टर, बिलबोर्ड आदि पर लगी तस्वीर में दिखती सेलिब्रिटी में है. उसको अपने लिए ऐसे मानक बनाने से रोको, जो उसके लिए ही नहीं उन सेलिबिट्रीज के लिए बहुत ऊंचे हैं. 


सोनम का ये बेबाक सच से भरा लेटर वायरल हो रहा है, लेकिन सच तो ये है कि क्या इतना आसान है टीनएज लड़कियों को, बच्चियों को समझाना. सोनम की एक ईमानदार कोशिश तारीफ़ के काबिल तो है, लेकिन टीवी पर दिखाए जाने वाले विज्ञापन जो खूबसूरत दिखने के सपने बेचते हैं, उसमें ये कोशिश कितनी जगह रखती है. समाज में सुंदरता का पैमाना हमेशा से बाहरी सुंदरता ही रही है. मन की सुंदरता, तन की सुंदरता से बहुत पीछे रह जाती है.


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न्यूज़ पेपर में शादी के लिए दिए जाने वाले विज्ञापनों में हर किसी को सुंदर सुशील, गोरी कन्या चाहिए होती है. सबको गोरी लड़कियां ही चाहिए होती हैं. सांवला और काला रंग किसी श्राप से कम नहीं है. तभी तो सालों से चमड़ी को गोरी करने वाली तरह तरह की क्रीम बिक रही हैं. कॉस्मेटिक सर्जरी एक बड़ा उद्योग बन रहा है. चेहरे पर कोई दाग़-धब्बा नहीं देखना चाहता है. मार्केट ब्यूटी प्रोडेक्ट्स से भरा पड़ा है. बॉलीवुड, हॉलीवुड के सेलिब्रिटीज़ के चमकते चेहरे के पीछे का सच कोई नहीं जानना चाहता क्योंकि हर कोई तो चमकना चाहता है, हर कोई तो खूबसूरत दिखना चाहता है. सोनम भले कितना ही कहें कि वो घंटों की मेहनत के बाद इस तरह खूबसूरत दिखती हैं, लेकिन उनका ये कहना समाज के बनाए पैमानों को बमुश्किल ही तोड़ पाएगा. 


सोनम का ख़त जिस तरह लोगों को लुभा रहा है, पसंद आ रहा है अगर वाकई लोग ये सच स्वीकार कर लेते हैं तो फिर खूबसूरती के मायने बदल जाएंगे. लेकिन इसकी गुंजाइश बहुत कम है. चेहरे की खूबसूरती से ज़रूरी है कि लड़कियां आत्मविश्वास से भरी हो. उनका रंग उनके अस्तित्व पर हावी ना हो, वो किसी हीन भावना में नहीं जिएं कि वो किसी से कम हैं. तो लड़कियों तुम स्वावलंबी बनो, खुद से मोहब्बत करो. अपने मन की सुंदरता को देखो क्योंकि मन की सुंदरता तुमको दुनिया से लड़ने का हौसला भी देगी और लोगों के देखने का नज़रिया भी तभी बदलेगा. सोनम कपूर ने जो बात बेबाकी से कही, उसी तरह तमाम सेलिब्रिटीज़ को भी सामने आना होगा. गोरा होने वाली क्रीम, फेसवॉश का विज्ञापन करने बंद करने होंगे और ये मैसेज देना होगा कि आंतरिक सुंदरता मायने रखती है, जिस्म की सुंदरता एक दिन ढल जाती है. सेलिब्रिटीज़ को मिसाल बनना होगा, उनको इतनी हिम्मत दिखानी होगी, उन्हें भी सोनम की तरह खुद को बिना मेकअप सामने आना होगा क्योंकि वो लाखों, करोड़ों लोगों के रोल मॉडल हैं.


(लेखिका वरिष्ठ पत्रकार और सामाजिक विषयों पर टिप्पणीकार हैं)


(डिस्क्लेमर : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं)