विदेशी लड़की का यह बयान, निर्भया! तुम सुन रही हो न...
मैंने एक जर्मन महिला से यूं ही मजाक-मजाक में पूछा कि आपने भारतीय से शादी क्यों की, तो इसके उत्तर ने मुझे अंदर से हिलाकर रख दिया. उसका जवाब था, ‘इसलिए, क्योंकि भारतीय पुरुष सबसे अधिक विश्वसनीय होते हैं.’
'जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं”, के विचारों वाले मेरे देश में घृणित निर्भया कांड को घटित हुए पांच साल पूरे हो गए. इस घटना ने पूरे देश को झकझोरा ही नहीं था, बल्कि आक्रोश से भर दिया था. उसके आक्रोश की परिणति कानूनों में कुछ सुधार करके दंड विधानों को कड़ा करने के रूप में सामने आई. लेकिन इस परिणति के जो परिणाम सामने आए हैं, वे चौंकाने वाले हैं. हाल ही में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ने ‘क्राइम इन इंडिया 2016’ नाम से एक रिपोर्ट जारी की है. इसके आंकड़े आंखें खोल देने वाले हैं.
रिपोर्ट के अनुसार साल 2016 में महिलाओं के दुष्कर्म के मामलों में 12.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. जी हां, कुल राष्ट्रीय वृद्धि दर 12.3 प्रतिशत, जो आर्थिक विकास की वृद्धि दर की तुलना में दुगुनी है. इस मामले में मेरे प्रदेश यानी कि मध्यप्रदेश ने टॉप किया है. मैं मध्यप्रदेश की बात इसलिए कर रहा हूं, क्योंकि पिछले लगभग बारह वर्षों से लगातार सत्तासीन यहां के मुख्यमंत्री ने यहां की लड़कियों से ‘मामा-भांजी’ का रिश्ता कायम कर रखा है. यानी कि यदि मामा के राज्य में भांजियों की यह स्थिति है, तो किसी अन्य के राज्य में स्थिति क्या होगी, न सोचें तो ही अच्छा है. यह यहां की सच्चाई है. अब मैं दो सच्ची एवं अनुभवजन्य घटनाओं के माध्यम से उस सच्चाई के बारे में बताने जा रहा हूं, जो विदेशों में भारतीय नारी एवं पुरुषों के बारे में है.
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यह घटना कुछ ही महीने पहले की है और जर्मनी की है. वहां के एक रेस्टोरेन्ट में जब मैंने एक गोरी महिला को एक सांवले से आदमी के साथ बैठे देखा, तो इस जोड़ी ने मेरे मन में एक उत्सुकता पैदा कर दी. बातचीत करने पर पता चला कि महिला जर्मन की है, जो एकदम गोरी, (कुछ लालिमा लिए हुए) है. एकदम दुबला-पतला और कुछ-कुछ लुंज पुंज-सा दिखाई देने वाला सांवला पुरुष भारत का था. मैंने यूं ही मजाक-मजाक में उस जर्मन महिला से पूछा कि आपने इनसे शादी क्यों की, तो इसके उत्तर ने मुझे अंदर से हिलाकर रख दिया. उसका जवाब था, ‘इसलिए, क्योंकि भारतीय पुरुष सबसे अधिक विश्वसनीय होते हैं.’
शायद निर्भया कांड की कहानी अभी तक उसके कानों तक पहुंची नहीं थी.
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दूसरा संस्मरण चीली का है. यह थोड़ी पुरानी बात है, लगभग दो दशक पुरानी. हम लोग यूं ही सड़कों पर चहलकदमी कर रहे थे कि अचानक 4-5 युवा और सुंदर लड़कियों का झुंड आया. उन्होंने खिलखिलाकर, हाथ जोड़ते हुए कहा, ‘नमस्ते.’ फिर उन्होंने पूछा, ‘आप सब इंडिया से हैं न.’ हम लोगों से स्वीकारात्मक उत्तर पाने के बाद उनकी ओर से एक स्वर गूंजा, ‘हम भारत को प्यार करते हैं.’ हम लोगों का सीना गर्व से चौड़ा हो गया. फिर मैंने उनसे पूछा, ‘आप भारत से क्यों प्यार करती हो.’ तो उनका उत्तर था, ‘क्योंकि भारत प्यार की धरती है (बिक़ाज इंडिया इज ए लैंड ऑफ लव).
निर्भया! तुम सुन रही हो न.
विश्वास और प्यार की इस धरती पर दुष्कर्म के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. और धीरे-धीरे किसी विदेशी महिला और लड़की से यह पूछने की हिम्मत घटती जा रही है, ‘तुम भारत से क्यों प्यार करती हो.’
(डॉ. विजय अग्रवाल वरिष्ठ लेखक और स्तंभकार हैं)
(डिस्क्लेमर : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं)