ब्रिस्बेन : एशेज का पहला टेस्ट कई मायनों में खास रहा जिसमें सबसे खास ऑस्ट्रेलिया का मैच को अपनी गिरफ्त में लेकर जीत हासिल करना रहा. मैच के अंतिम दिन लंच से पहले ही 10 विकेट से जीत बड़ी जीत मानी जाएगी और खास भी. और हो भी क्यों नहीं. एशेज से पहले तो दोनों टीमों का पलड़ा बराबर था. इंग्लैंड की अपनी समस्याएं तो थी ही लेकिन कोई भी विशेषज्ञ खुल कर कंगारुओं के पक्ष में नहीं जा पा रहा था. पिछले कुछ समय से ऑस्ट्रेलिया टीम का भी प्रदर्शन कोई बहुत अच्छा भी नहीं था. 


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लेकिन ब्रिसबेन में जो हुआ वह सिर्फ इंग्लैंड की खामियां के नाम नहीं छोड़ा जा सकता था. बेशक इंग्लैंड ने काफी गलतियां की लेकिन उनको भुनाना, हालातों में डट कर मुकाबला करने का जो चरित्र, खासकर ऑस्ट्रेलिया के कप्तान ने जो दिखाया उसे किसी भी तौर पर कमतर नहीं आंका जा सकता. 


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आखिरी दिन मैच की औपचारिकता ही थी. जो कंगारुओं को केवल 56 रन बनाने थे और उनके 10 विकेट हाथ में थे. कल चाय के बाद 170 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी मेजबान टीम को इस स्कोर तक पहुंचने में कोई दिक्कत नहीं हुई. उसके सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर और सी बेनक्रॉफ्ट की शानदार बल्लेबाजी के दम पर ऑस्ट्रेलिया ने बिना विकेट खोए ये लक्ष्य हासिल कर लिया. पिछली विजेता इंग्लैंड पर अब आने वाले चार टेस्ट में दबाव बना रहेगा. हालांकि पहले दो दिन तक इस टेस्ट में इंग्लैंड की टीम मजबूत दिख रही थी, लेकिन ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ की शानदार बल्लेबाजी ने इंग्लैंड को बैकफुट पर धकेल दिया.


पहला दिन किसी का नहीं रहा लेकिन किसी का भी हो सकता था. कंगारू ज्यादा विकेट नहीं ले सके लेकिन राहत की बात यह रही कि उन्होंने इंग्लैड को 200 के पार जाने से रोक लिया. वहीं अंग्रेजों को 200 पार न जा पाने का अफसोस था लेकिन विकेट बचा पान की राहत भी थी. ऐसा नहीं था कि ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी खराब ही रही लेकिन न तो गेंदबाज सुबह की नमी का फायदा उठा सके न ही लंच के बाद हुई बारिश का कोई लाभ.


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 शुरुआती झटके के तौर पर ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने इंग्लैंड के खास बल्लेबाज एलिस्टर कुक को महज 10 गेंद खिला कर ही चलता कर दिया. लेकिन इसके बाद वे इसे दबाव में नहीं बदल सके और इंग्लैंड ने लंच तक कोई भी विकेट नहीं गवांया. लंच के बाद भी करीब सवा घंटे तक मैच तक बारिश होती रही लेकिन उसके बाद भी ऐसा नहीं लगा कि कंगारू गेंदबाज इसका फायदा ले पा रहे हैं.


दूसरे विकेट की साझेदारी में  विंसे और स्टोनमैन ने 125 जोड़ डाले.  नाथन लियोन ने जरूर अपने 24 ओवर कसे हुए डाले जिसमें उन्होंने 1.67 की औसत से केवल 40 रन दिए जिससे इंग्लैंड की रन बनाने की गति पर लगाम लगी. पैट कमिंग्स ने 19 ओवर में 3.11 की औसत से सबसे ज्यादा 59 रन दिए. लेकिन उनके खाते में जो रूट और मार्क स्टोनमैन के महत्वपूर्ण विकेट गए.जो रूट के आउट होने के बाद मोईन अली और डेविड मलानने 10 ओवर खेल कर इंग्लैंड के और विकेट नहीं गिरने दिए. 


 दूसरा दिन पहले दिन के मुकाबले ज्यादा रोमांचक रहा. पहला सत्र मिला जुला रहा. दूसरा सत्र इंग्लैंड के नाम रहा तो तीसरे सत्र में ऑस्ट्रेलिया ने वापसी की. लेकिन अगर आखिरी सत्र को छोड़ दिया जाए, तो अब तक पूरा मैच एक तरह से गेंदबाजों के नाम ही रहा. पहले दिन कंगारू गेंदबाजों ने इंग्लैंड के गेंदबाजों को ज्यादा रन बनाने नहीं दिए. वहीं दूसरे दिन दोनों टीमों के गेंदबाज विकेट लेने में कामयाब रहे.


पहले सत्र में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने पहले दिन से बेहतर गेंदबाजी करके इंग्लैंड की पारी को तो लंच से पहले समेट दिया, लेकिन उन्हें 300 से पार जाने से नहीं रोक पाए. इंग्लैंड ने हालांकि दूसरे सत्र में गेंदबाजी में कमाल दिखाते हुए कंगारू बल्लेबाजों को बैकफुट पर धकेल दिया और महज 76 के स्कोर पर ही तीन विकेट गिरा दिए जिसमें ऑस्ट्रेलिया के उपकप्तान डेविड वार्नर का विकेट भी शामिल था.


चायकाल के तुरंत बाद पहले ही ओवर में जेम्स एंडरसन पांचवी गेंद पर पीटर हैंड्सकॉम्ब को एलबीडब्ल्यू कर 14 के निजी स्कोर पर आउट कर कंगारुओं पर दबाव बढ़ा दिया. लेकिन इसके बाद तीसरे सत्र में कंगारुओं ने कोई विकेट न गंवाते हुए टीम का स्कोर 165 तक पहुंचा दिया. इसमें कप्तान स्टीव स्मिथ का 22वां अर्धशतक और मैच को पूरी तरह से इंग्लैंड के पक्ष में जाने से रोक दिया. तीसरा दिन पूरी तरह से कप्तान स्टीव स्मिथ की बदौलत कंगारुओं का रहा. स्मिथ ने पहले सुबह से संभल कर खेलते हुए अपना विकेट बचाए रखा और फिर लंच के बाद अपना शतक भी पूरा किया जिससे कई कीर्तीमान अपने नाम कर लिए. स्मिथ ने अपनी धैर्य भरी की पारी में उन्होंने नाबाद 141 रन जोड़े.


स्मिथ ने अपने नाम किए कई कीर्तीमान
स्मिथ ने अपना 21वां टेस्ट शतक पूरा किया. यह स्मिथ का अपने करियर का सबसे धीमा (263 गेंद) शतक है. स्मिथ सबसे तेज 21 शतक लगाने वाले दुनिया के तीसरे बल्लेबाज बन गए. स्मिथ ने 21 शतक सिर्फ 105 पारियों में जड़े हैं और उनसे आगे डॉन ब्रैडमैन (56 पारी), सुनील गावस्कर (98 पारी) हैं. जबकि सचिन तेंदुलकर को 21 शतक लगाने में 110 पारी लग गईं. स्मिथ पहली बार एशेज सीरीज की कप्तानी कर रहे हैं और कप्तान के रूप में एशेज में ये उनकी डेब्यू पारी थी. डेब्यू पारी में बतौर कप्तान शतक लगाकर इतिहास रच दिया और स्मिथ ऐसा करने वाले सिर्फ 5वें खिलाड़ी बन गए हैं. इसके अलावा स्मिथ अब 48 पारियों में कप्तान के रूप में सबसे ज्यादा शतक लगाने के मामले में श्रीलंका के महेला जयवर्धने के साथ संयुक्त रूप से दूसरे नंबर पर आ गए हैं. स्मिथ के नाम 48 पारियों में बतौर कप्तान 13 शतक हो गए हैं. 


स्मिथ के जुझारू शतक की बदौलत ही कंगारुओं ने अंग्रेजों पर 26 रन की मनोवैज्ञानिक बढ़त हासिल कर ली. इसके बाद बाकी का काम ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने कर दिया और दिन के आखिरी घंटे में महज सोलह ओवर के खेल में इंग्लैंड के दो बल्लेबाजों, एलिस्टर कुक और जेम्स विंसे को पवेलियन वापस पहुंचा कर मेहमान टीम को दबाव में ला दिया.


 मैच के चौथे दिन इंग्लैंड के बल्लेबाज पूरे समय ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के सामने बिखरते नजर आए. पूरी इंग्लिश टीम 195 रनों पर आउट गई. सबसे ज्यादा कामयाब बल्लेबाज इंग्लैंड के कप्तान जो रूट रहे. उन्होंने अर्धशतकीय पारी खेली. रूट ने आउट होने से पहले 51 रन बनाए. ऑस्ट्रेलिया की ओर से मिचेल स्टार्क, हेजलवुड और नाथन लायन ने 3-3 विकेट लिए. जीत के लिए 170 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलियाई टीम ने चौथे दिन का खेल खत्म होने तक बिना विकेट खोए 114 रन बना कर अंतिम दिन के लिए महज औपचारिकता ही छोड़ दी थी.