नई दिल्ली: आशीष नेहरा अब अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेलेंगे. उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने घरेलू ग्राउंड फिरोजशाह कोटला पर आखिरी टी20 मैच खेलकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच से संन्यास की घोषणा कर दी. इसके साथ ही नेहरा के 18 साल लंबे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर पर विराम लग गया. आखिरी मैच की समाप्ति पर टीम इंडिया के खिलाड़ियों ने उन्हें कंधे पर बिठाकर ग्राउंड के चक्कर लगाए. साथ ही 53 रनों की शानदार जीत का तोहफा भी दिया. हर क्रिकेटर के लिए उसका आखिरी मैच काफी मायने रखता है. दिलचस्प बात यह है कि आखिरी मैच का अंतिम ओवर भी आशीष नेहरा ने ही फेंके. आइए जानें आशीष नेहरा ने अपने जीवन का आखिरी ओवर यानी छह गेंदें कैसे फेंकी?


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पहली गेंद: नेहरा ने न्यूजीलैंड के सोढ़ी को फेंकी गेंद. स्विप शॉट खेलने की कोशिश की, लेकिन चूक किया.


दूसरी गेंद: नेहरा की दूसरी गेंद पर सोढ़ी ने पुल शॉट खेलने की कोशिश की लेकिन वे चूक गए.


तीसरी गेंद: नेहरा की तीसरी गेंद को सोढ़ी ने स्ट्रेट डाउन चिप्ड शॉट लगाया. गेंद 4 रनों के लिए बाउंड्री लाइन के पार चली गई.


चौथी गेंद: नेहरा की चौथी गेंद बाइड चली गई. इस तरह न्यूजीलैंड को एक रन मिला.


पांचवी गेंद: नेहरा ने शॉर्ट गेंद डाली, जिसपर सोढ़ी ने पुल शॉट खेलने की कोशिश की, लेकिन गेंद पैर में लगकर दूर चली गई. इस तरह न्यूजीलैंड को एक लेग बाई रन मिल गया.


छठी गेंद: नेहरा ने मिशेल संटेनर को शॉर्ट लेंथ गेंद फेंकी. इसपर मिशेल एक रन लेने में सफल रहे.


सातवीं गेंद: आशीष नेहरा ने आखिरी गेंद फुलटॉस फेंकी, लेकिन सोढ़ी उस तक पहुंच ही नहीं पाए. इस तरह कोई रन नहीं बन पाया.


आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच में आशीष नेहरा ने 4 ओवर में 29 रन दिए. नेहरा के नाम भारत की ओर से अंतरराष्ट्रीय मैच में सर्वाधिक टी20 विकेट लेने का रिकॉर्ड है.


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इससे पहले न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 मैच से पहले पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और वर्तमान कप्तान विराट कोहली ने विशेष रूप से तैयार की गयी ट्राफी देकर सम्मानित किया. भारतीय टीम टास से पहले मैदान पर अपने चिर परिचित घेरे में एक साथ खड़ी हुई जहां पर नेहरा ने अपने सभी साथियों का आभार व्यक्त किया. इसके बाद धोनी और कोहली ने मिलकर उन्हें ट्राफी भेंट की जिसे नेहरा ने मुस्कराते हुए ग्रहण किया.



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यही नहीं इस मैच के लिये अंबेडकर स्टेडियम वाले छोर को विशेष तौर पर 'आशीष नेहरा छोर' नाम दिया गया है. इससे पहले दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैच के दौरान भी दोनों छोर का नामकरण वीरेंद्र सहवाग की टेस्ट क्रिकेट में दो सर्वश्रेष्ठ पारियों के आधार पर ‘309 छोर’ और ‘319 छोर’ नाम दिया गया था.


नेहरा ने बाद में आशीष नेहरा छोर से ही गेंदबाजी का आगाज किया. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ऐसा बहुत कम देखने को मिला है जबकि किसी गेंदबाज ने अपने नाम पर रखे गये छोर से गेंदबाजी की हो. इससे पहले इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन को यह सौभाग्य मिला था, जिन्होंने ओल्ड ट्रैफड में अपने नाम के छोर से गेंदबाजी की. नेहरा ने जब अपना पहला टेस्ट मैच खेला था तब कोहली केवल 11 साल के थे. बाद में नेहरा की कोहली को ट्राफी देती हुई एक फोटो सोशल मीडिया पर काफी चर्चित रही थी. बुधवार को मैच में कोहली उनके कप्तान रहे. नेहरा ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का आगाज मोहम्मद अजहरूद्दीन की कप्तानी में किया था. इसके बाद वह सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़, महेंद्र सिंह धोनी, वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, कोहली और यहां तक कि पाकिस्तान के इंजमाम उल हक की कप्तानी में भी अंतरराष्ट्रीय मैच खेले.


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नेहरा पहले ही घोषित कर चुके थे कि वह फिरोजशाह कोटला में अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच खेलेंगे. इस मैदान पर यह पहला टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच है लेकिन नेहरा इससे पहले यहां चार एकदिवसीय मैच खेल चुके हैं जिनमें उन्होंने 42.25 की औसत से चार विकेट लिये.


कोटला में नेहरा ने अपना पहला एकदिवसीय मैच 17 अप्रैल 2005 को पाकिस्तान के खिलाफ खेला था जिसमें उन्होंने 72 रन देकर तीन विकेट लिये थे. इस मैदान पर उनका इससे पहले आखिरी मैच विश्व कप 2011 में नीदरलैंड के खिलाफ था.


यह भी संयोग है कि नेहरा टी20 मैच से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह रहे हैं. दिलचस्प बात यह है कि जब नेहरा ने अपना पहला टेस्ट मैच खेला था उसके चार साल बाद खेल का यह सबसे छोटा प्रारूप अस्तित्व में आया था. नेहरा ने इस मैच के लिये विशेष तौर पर बाक्स देने का आग्रह किया था जिसे स्वीकार कर लिया गया था ताकि वह अपने परिजनों के सामने अपना आखिरी मैच खेल सकें.