Ice Hockey in Olympics-2042 : खेल और खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार नित नए प्रयास कर रही है. फिर चाहे खिलाड़ियों को सुविधाएं उपलब्ध कराना हो या स्टेडियमों का विकास, प्लेयर्स को आर्थिक तौर पर मजबूत बनाने तक के लिए सरकार कोशिशों में लगी रहती है. इसके लिए अलग-अलग योजनाएं भी लाई गई हैं. कमाल देखिए कि ओलंपिक-2042 के लिए अभी से तैयारी शुरू हो गई है.


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अनुराग ठाकुर का बयान


केन्द्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने गुरुवार को बड़ी जानकारी दी. उन्होंने बताया है कि आइस हॉकी (Ice Hockey) को बढ़ावा देने के लिए 'गेमचेंजर' नाम से ब्लूप्रिंट लाया गया है. इससे ना सिर्फ इस खेल का देश में विकास-विस्तार होगा, बल्कि पहाड़ी राज्यों को भी इससे फायदा मिलेगा. उन्होंने साथ ही दावा किया कि 2042 के ओलंपिक गेम्स में आइस हॉकी की भारतीय टीम हिस्सा लेगी. ठाकुर ने कहा कि अगले 20 साल आइस हॉकी के लिए बेहद अहम रहने वाले हैं. 


2042 ओलंपिक है टारगेट


अनुराग ठाकुर ने कहा, 'आइस हॉकी के विकास और विस्तार के लिए, यूटी लद्दाख और रॉयल एनफील्ड ने 'गेमचेंजर' नाम का ब्लूप्रिंट बनाने में योगदान दिया. ये आइस हॉकी को ना केवल लद्दाख में बल्कि जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्यों में इस खेल के विस्तार के लिए महत्वपूर्ण होगा. मुझे खुशी है कि कॉरपोरेट और सरकार ने मिलकर इसे विकसित किया है. ना केवल ये इस खेल को बढ़ावा देगा, बल्कि टूरिज्म और फिटनेस को भी बल देगा. आइस हॉकी के क्षेत्र में टारगेट रखा गया है कि 2042 के ओलंपिक में भारत का दल हिस्सा लेगा.'


1920 से हैं शामिल


बता दें कि 1920 से ही ओलंपिक खेलों में आइस हॉकी टूर्नामेंट का आयोजन किया जाता रहा है. पुरुषों का टूर्नामेंट 1920 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में शुरू किया गया था और 1924 में फ्रांस में शीतकालीन ओलंपिक खेलों के कार्यक्रम में इसे स्थायी रूप से स्थानांतरित कर दिया गया. आइस हॉकी में महिलाओं का टूर्नामेंट पहली बार 1998 के विंटर ओलंपिक में हुआ था.