UP News: एके शर्मा ने लिखा, 'तुम हमें भाषा सिखाओगे? मक्खी और गंदगी एक राजनीतिक कटाक्ष है. तुम लोग जो भाषा लिख रहे हो सीधा-सीधा गाली-गलौज है. सुधार तुमको करना है. माफ़ी तुमको माँगनी है.'
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SP IT cell vs AK Sharma: इस समय सोशल मीडिया पर समाजवादी पार्टी की सोशल मीडिया सेल और योगी सरकार के मंत्री एके शर्मा के बीच की बहस छाई हुई है. दरअसल एके शर्मा ने सोशल मीडिया पर अखिलेश यादव और उनकी मीडिया सेल की तुलना मक्खी से कर दी. शर्मा ने कहा,'' गंदगी देखी नहीं कि उससे चिपक गये...वाराणसी में एक कूड़ाघर पर तकनीकी कारण से एक दिन कुछ घंटों का विलंब हुआ था कूड़ा उठाने में। लेकिन यह भी सच है कि कुछ ही घंटे में उसी दिन कूड़ा उठ भी गया था. आप उस दिन यानी 27 सितंबर की फोटो 30 सितंबर को पोस्ट करके अपनी मानसिक गंदगी दिखा रहे हैं. अगर आपने अपने मुख्यमंत्री काल में इतनी चिंता की होती तो उस समय ही देश के माननीय प्रधानमंत्री जी को हाथ में झाड़ू लेकर नहीं उतरना पड़ता काशी की गलियों में.''
सपा सेल ने क्या कहा
फिर क्या था सपा सेल ने भी जवाब दिया. अपने पलटवार में आईटी सेल ने लिखा, 'ये कल के अखबार की खबर है. संबंधित विभाग के खच्चर गर्दभ शूकर का कहना है कि सड़क बनाकर तैयार हो गई ,खच्चर गदहे शूकर ने एक वीडियो भी डाला है ,लेकिन उस शूकर गदहे को ये नहीं पता कि ये सड़क की ताजा ताजा तस्वीर है ,शूकरचंद वाहवाही तो लूटता है ,फर्जी फोटो डालता है ,अपना बचाव करता है लेकिन सच नहीं बोलता बेचारा. शूकर ये बताए कि उसके कार्यकाल में समस्त महानगरों में कूड़ा गंदगी क्यों है ?''
आगे लिखा, 'ह&मखो% ये भी बताए कि उसके मंत्रित्वकाल में कितने सब स्टेशन बने ? कितने नए बिजली स्टेशन बने ? कितने ट्रांसफार्मर नए लगे ? ट्रांसमिशन लाइनें नई कितनी लगीं ? कितने बिजली उत्पादन केंद्र नए लगे ? कितनी बिजली का उत्पादन वर्ष 2016-17 के मुकाबले बढ़ा ? लेकिन टोंटी खोजने निकला है शूकर ,शूकर भाजपा में गया ही इसीलिए था कि वहां कमजोर टोंटी वाले जाते हैं ,जिनके घरों में पड़ोसी की टोंटी इस्तेमाल होती है और खुद टोटे टोटे होते हैं ,लगता है शूकर जी अपनी कमजोर ,नकारा ,पतली टोंटी को लेकर हतोत्साहित हैं इसीलिए दूसरों के यहां टोंटी खोज और बचा रहे?'
शर्मा ेने फिर किया वार
इस पर एके शर्मा ने लिखा, 'तुम हमें भाषा सिखाओगे? मक्खी और गंदगी एक राजनीतिक कटाक्ष है. तुम लोग जो भाषा लिख रहे हो सीधा-सीधा गाली-गलौज है. सुधार तुमको करना है. माफ़ी तुमको माँगनी है. विभाग की कमी थी वो वाराणसी और कानपुर दोनों जगह जनहित में स्वीकार करके कार्यवाही भी तुम्हारे कहे बिना ही हो गई है. फिर उसको व्यक्तिगत आक्षेप तक लाना और असभ्य भाषा लिखना ये शुरुआत तुम लोगों ने किया. हम कई दिनों तक बर्दाश्त करते रहे. ख़राब शब्दों की और मसाले की कमी हमारे पास भी नहीं है. सुधार कर लो.''
इसके बाद सपा सेल ने लिखा, '' सुन... तेरी भाषा और तुझसे कोई नहीं डरता ,तू अपने आपको देख ,ये गड्ढे देख ,तेरी शक्ल और तेरी अक्ल से मिलते जुलते हैं ,इन गड्ढों का डामर कौन सी टोंटी में मुंह लगाकर पी गया तू? रही बात भाषाई मर्यादा की तो सुन तेरी पार्टी भाजपा ने पिछले 10 साल में भाषाई मर्यादा की सारी सीमाएं पार करके सोशल मीडिया से लेकर राजनैतिक मंच को गंदा किया है ,अब उसी भाषा में जवाब मिल रहा तो बिलबिला रहे हो ? तुम सबके महाभ्रष्टाचार और कुशासनी राज का अंत निकटस्थ है ,बस गिने चुने दिन तुम्हारे मंत्रालय और शासन के बचे हैं ,तुम तो खैर राजनेता हो ही नहीं ,पता नहीं कौन सी टोंटी का पानी पीकर मंत्री बन बैठे हो ,औकात में रहना सीख लो और तुम क्या आज रात का समय दे रहे हो ? तुम्हारे काले कारनामे कच्चे चिट्ठे के साथ रोजाना यहीं खुलेंगे ,तथ्य और तर्क एवं सबूत के साथ.''