नई दिल्ली : टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का क्रिकेट करिअर यूं तो बेदाग रहा है, लेकिन 2013 में आईपीएल के दौरान वह फिक्सिंग के भूत से बच नहीं पाए. तब वह और यहां तक कि उनके परिवार पर भी इसके छींटे पड़े. यहां तक एमएस धोनी और चेन्नई सुपर किंग्स के मालिक एन श्रीनिवासन के रिश्ते सबसे ज्यादा विवादों में रहे. 2013 के बाद ही श्रीनिवासन की टीम चेन्नई सुपर किंग्स को दागी बताते हुए आईपीएल से दो साल के लिए सस्पेंड कर दिया गया. इंडिया सीमेंट्स के मालिक श्रीनिवासन उस समय सीएसके अलावा बीसीसीआई की जिम्मेदारी भी संभाल रहे थे.
 
धोनी पर उस समय इसलिए भी सवाल उठे थे, क्योंकि उन्होंने फिक्सिंग के मामले में श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन का बचाव किया था. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुंच गया. सुप्रीम कोर्ट ने जांच कराने के लिए अलग से समिति का गठन कर दिया. धोनी उस समय इंडिया सीमेंट्स में वाइस प्रेसिडेंट भी थे.


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इसके बाद लगातार विवाद उठते रहे, लेकिन धोनी ने अपना मुंह नहीं खोला. अब उन्होंने पहली बार इस मुद्दे पर कुछ बोला है. हालांकि उन्होंने इस मुद्दे पर सीधे कुछ नहीं कहा है. ईएसपीएन क्रिक इन्फो की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस विवाद पर धोनी के विचार पहली बार एक किताब के माध्यम से सामने आए हैं. इस किताब में धोनी ने कहा है कि मुझे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि लोग क्या सोचते हैं. मैं ये मानता हूं कि श्रीनिवासन वह शख्स रहे हैं, जो क्रिकेटरों की हमेशा मदद करता रहा है.


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दरअसल श्रीनिवासन ही वह शख्स रहे, जिसने हमेशा खुलकर धोनी का पक्ष लिया. इतना ही नहीं जब इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारतीय टीम का प्रदर्शन कमजोर रहा, तब टीम मैनेजमेंट धोनी को कप्तानी से हटाने के मूड में था. लेकिन तब श्रीनिवासन ने इस बात का विरोध करते हुए कहा था कि जिस खिलाड़ी ने विश्वकप दिलाया हो, उसे आप इतनी जल्दी कप्तानी से नहीं हटा सकते.