नई दिल्ली: श्रीलंका के पहले टेस्ट कप्तान बांदुला वरनापुरा का यहां एक निजी अस्पताल में ईलाज के दौरान निधन हो गया. 68 वर्षीय पूर्व क्रिकेटर सुगर लेवल के बढ़ने के बाद आईसीयू में भर्ती थे. बांदुला 1982 में श्रीलंका के कोलंबो में इंग्लैंड के खिलाफ हुए पहले टेस्ट में कप्तान थे. उन्होंने तीन टेस्ट और 12 वनडे मुकाबले खेले.


काटना पड़ा था पैर


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

स्थानीय मीडिया की खबरों के अनुसार शरीर में शर्करा का स्तर काफी अधिक बढ़ने के चलते रक्त संचार में समस्या के कारण इसी महीने उनका दायां पैर काटना पड़ा था. ठोस तकनीक वाले सलामी बल्लेबाज वर्णपुरा मध्यम तेज गति की गेंदबाजी करने में भी सक्षम थे. फरवरी 1982 में इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में श्रीलंका की अगुआई करने के अलावा वह देश की ओर से टेस्ट क्रिकेट में पहली गेंद का सामना करने वाले और पहला रन बनाने वाले बल्लेबाज भी थे. इसी मैच में बल्लेबाजी और गेंदबाजी (दूसरी पारी में) दोनों में श्रीलंका के लिए आगाज करने का कारनामा भी उन्होंने किया.


शोक में डूबा खेल जगत


श्रीलंका क्रिकेट (एसएलसी) ने उनके निधन पर शोक जताया है. एसएलसी प्रमुख शम्मी सिल्वा ने बयान में कहा, ‘मुझे बांदुला वर्णपुरा के निधन का बेहद दुख है जो श्रीलंका के पहले टेस्ट कप्तान थे.’ उन्होंने कहा, ‘वह शानदार क्रिकेटर, प्रशासक, कोच, कमेंटेटर और इन सबसे ऊपर अच्छे इंसान थे और उनका निधन क्रिकेट जगत का भारी नुकसान है.’


लग गया था प्रतिबंध


वर्णपुरा ने 1975 से 1982 तक चार टेस्ट और 12 वनडे मैचों में देश का प्रतिनिधित्व किया. वर्णपुरा ने हालांकि विद्रोही टीम के साथ 1982-83 में रंगभेद दौर में दक्षिण अफ्रीका का दौरा करने का फैसला किया था जिसके बाद श्रीलंका क्रिकेट ने उन पर आजीवन प्रतिबंध लगाया था. उन्होंने बाद में राष्ट्रीय टीम के कोच और श्रीलंका क्रिकेट में प्रशासक की भूमिका निभाई.


VIDEO-