नई दिल्ली: भारतीय टीम जब आईसीसी विश्व कप (World Cup 2019) में सेमीफाइनल में हारी तो सबसे अधिक चर्चा इस बात की थी कि धोनी को देर से बैटिंग के लिए क्यों भेजा गया. धोनी उस मैच में नंबर-7 पर बैटिंग करने आए थे और अर्धशतक भी लगाया था. मैच के बाद पूर्व क्रिकेटरों से लेकर आम प्रशंसकों तक की लगभग एक राय थी कि अगर एमएस धोनी (MS Dhoni) पहले बैटिंग करने आते तो मैच का नतीजा कुछ और हो सकता था. मैच के बाद विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री ने मीडिया से कई बार बात की. लेकिन यह नहीं बताया कि धोनी को नंबर-7 पर भेजने का फैसला किसका था. वेस्टइंडीज से सीरीज (India vs West Indies) होने से ठीक पहले टीम इंडिया के बैटिंग कोच संजय बांगर ने इस बारे में बात की. 

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भारतीय क्रिकेट टीम के बल्लेबाजी कोच संजय बांगर (Sanjay Bangar) ने खुलासा किया कि महेंद्र सिंह धोनी को विश्व कप (ICC World Cup 2019) के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ नंबर-7 पर भेजने का फैसला सिर्फ उनका नहीं था. दो दिनों तक खेले जाने वाले सेमीफाइनल मैच में भारत को न्यूजीलैंड के खिलाफ एक करीबी मुकाबले में 18 रन से हार झेलनी पड़ी थी. ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने 77 और धोनी ने 50 रन की पारी खेली थी. 

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संजय बांगर ने हिंदुस्तान टाइम्स को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘मुझे आश्चर्य होता है कि लोग इस मामले में मेरी तरफ देखते हैं. यह अकेला मेरा निर्णय नहीं था. विश्वास कीजिए हमने सारी स्थितियों का जायजा लिया और उसके बाद यह निर्णय हुआ. हमने यह भी निर्णय किया था पांच, छह और सातवें नंबर बल्लेबाजी क्रम को लचीला रखा जाए. सभी खिलाड़ी निजी रूप से इससे अवगत थे.’

संजय बांगर ने कहा, ‘विराट कोहली ने भी सेमीफाइनल के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि अफगानिस्तान के साथ मैच के बाद यह तय किया गया था कि धोनी निचले क्रम में खेल सकते हैं. ऐसा इसलिए कि वह 35 ओवर के बाद मैच को संभाल सकते हैं. इसलिए उन्हें सेमीफाइनल में छठे नंबर पर भेजा गया.’ उन्होंने कहा, ‘दिनेश कार्तिक को प्रमोट करके पांचवें नंबर पर भेजा गया. लेकिन विकेट के पतन के बाद धोनी पर फिनिशर की जिम्मेदारी आ गई. रवि शास्त्री ने भी यह कहा कि धोनी को नीचे भेजने का निर्णय टीम का था. इसलिए उन्हें सातवें नंबर पर भेजा गया.’

भारत के टूर्नामेंट से बाहर होने के बाद मुख्य कोच शास्त्री ने भी कहा था कि धोनी को नंबर-7 पर भेजने का निर्णय टीम का था. शास्त्री ने कहा था, ‘यह टीम का फैसला था. हर कोई इसके साथ था और यह एक सरल निर्णय भी था. आखिरी चीज जो आप चाहते थे वो यह कि धोनी जल्दी बल्लेबाजी करने आए और आउट हो जाएं और हम लक्ष्य का पीछा करते हुए पीछे छूट जाएं.’ उन्होंने कहा था, ‘हमें बाद में उनके अनुभव की जरूरत थी. वे बड़े फिनिशर हैं और उस तरह से उनका उपयोग करना बहुत बुरा होता. इस मुद्दे पर पूरी टीम स्पष्ट थी.’