सिडनी: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीन वनडे सीरीज के पहले मैच में टीम इंडिया को करारी हार का सामना करना पड़ा. इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम 288 रन बनाए जिसका पीछा करते हुए टीम इंडिया की पारी शुरुआत से ही लड़खड़ा गई और दबाव में वापसी नहीं कर सकी. टीम इंडिया के लिए रोहित शर्मा ने सबसे ज्यादा 133 रनों की पारी खेली लेकिन उन्हें भी लंबा साथ नहीं मिला. रोहित के अलावा एमएस धोनी ने भी 51 रनों की पारी खेली लेकिन वे रोहित का  ज्यादा साथ नहीं दे सके. इस मैच में टीम इंडिया की हार के 5 खास कारण थे.


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1. टीम इंडिया की कमजोर शुरूआत
इस मैच में ऑस्ट्रेलिया के दिए 289 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया की शुरुआत बहुत ही खराब रही और चौथे ओवर तक टीम इंडिया के तीन प्रमुख बल्लेबाज पवेलियन लौट गए. चौथे ओवर तक शिखर धवन (0) कप्तान विराट कोहली (3) और अंबाती रायडू (0) सस्ते में पवेलियन लौट गए. इसका दबाव ऐसा रहा कि टीम इंडिया जब तक इससे उबर पाई, तब तक टीम पर रनरेट का दबाव बढ़ गया और टीम जीत से दूर ही होती चली गई. 


2. शुरुआती विकेटों का दबाव
शुरुआत में तीन विकेट गंवाना कोई बहुत बड़ी बात नहीं थी, खासकर जितनी बन गई. धोनी और रोहित ने अपने विकेट बचाने के चक्कर में रनरेट पर ध्यान ही नहीं दिया और पहले 10 ओवर में टीम का स्कोर 21 रन, 15 ओवर के बाद स्कोर 44 और 20 ओवर के बाद 68 रन था. 25 ओवर तक टीम के 99 रन बन सके थे. टीम को तब 25 ओवरों में जीत के लिए 138 रनों की जरूरत थी. यह दबाव बढ़ता चला गया. 


3 रोहत-धोनी की धीमी बल्लेबाजी
इसे अंदाज कहें या मिजाज. रोहित और धोनी शुरुआत से ही धीमी बल्लेबाजी करते हैं और अंत में तेजी लाते हैं. शनिवार को यही बात टीम इंडिया को ले डूबी. जहां धोनी अपनी पारी को तेज करने के समय ही आउट हो गए, वहीं  रोहित ने जब तक पारी तेज की तब तक काफी चीजें टीम के खिलाफ हो चुकी हैं. वे थक चुके थे, उनका साथ देने के लिए सामने कोई नहीं था और रनरेट का दबाव कुछ ज्यादा ही बढ़ गया था. टीम के लिए केवल धोनी और रोहित की साझेदारी रही वरना पहले शीर्ष क्रम और बाद में बाकी का क्रम लड़खड़ाता ही नजर आया. 


4  भारतीय स्पिनर नहीं बना सके दबाव
इस मैच में भारतीय स्पिनर्स ने विकेट तो लिए लेकिन वे रन रोकने लिहाज से वह दबाव नहीं बना सके जो ऑस्ट्रेलिया को बड़ा स्कोर बनाने से रोक पाता. इस मैच में कुलदीप यादव और रवींद्र जडेजा के रूप में दो नियमित स्पिनर्स के साथ विराट कोहली उतरे थे. कुलदीप ने 10  ओवरों मे 54 रन दे डाले जो कि बुरा स्पैल भले ही नहीं था लेकिन किसी भी लिहाज से दबाव डालने वाला नहीं माना जा सकता. वहीं जडेजा ने 10 ओवरों में 48 रन दिए. यह भी कोई दबाव वाला स्पैल नहीं रहा. 


5. स्लॉग ओवरों में भारतीय गेंदबाज रहे बेअसर
स्लॉग ओवरों में यानि अंतिम दस ओवरों में ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज 93 रन बनाने में कामयाब रहे. भुवनेश्वर ने 40 ओवरों से पहले तक 7 ओवरों में केवल 26 रन दिए थे. लेकिन 10 ओवरों में उनके 66 रन गए. यानि अंतिम तीन ओवरों में उन्होंने केवल 40 रन दे डाले. वहीं बाकी के गेंदबाज भी कोई प्रभाव नहीं डाल सके. टीम को बुमराह की कमी बुरी तरह से खली.