WTC Final 2023: टीम इंडिया के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने भारत के डिफेंसिव तरीके पर सवाल खड़े किए हैं. पूर्व कोच रवि शास्त्री के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC Final) फाइनल में कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग का फैसला करके सकारात्मक मानसिकता नहीं दिखाई.


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खुद के ही जाल में फंस गई टीम इंडिया!


भारत ने अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं दी और चार तेज गेंदबाजों के साथ उतरने का फैसला किया. पिच पर घास होने और बादल छाए रहने के कारण भारत ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग का फैसला किया. भारत का यह फैसला सही साबित नहीं हुआ. ऑस्ट्रेलिया ने ट्रेविस हेड (नाबाद 146) और स्टीव स्मिथ (नाबाद 95) के बीच चौथे विकेट के लिए 251 रन की अटूट साझेदारी की मदद से पहले दिन तीन विकेट पर 327 रन बनाए.


'कोच' ने बताया भारत ने कहां कर दी सबसे बड़ी गलती


टीम इंडिया के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने पहले दिन का खेल समाप्त होने के बाद आईसीसी से कहा, ‘पहले दिन जो हुआ वह टॉस जीतकर पहले फील्डिंग करने की मानसिकता से जुड़ा हुआ है. इसलिए आप चार तेज गेंदबाज और एक स्पिनर के साथ उतरे.’ रवि शास्त्री ने कहा, ‘अगर मानसिकता सकारात्मक होती तो आप पहले बल्लेबाजी का फैसला करते. पहला सत्र संभल कर खेलते और फिर देखते कि क्या आप दिन में 250 रन तक पहुंच सकते हो. बहुत बड़े स्कोर के बारे में नहीं सोचते और अगर परिस्थितियां बेहतर होती और पहला सत्र अच्छा निकल जाता तो आप इससे भी बड़ा स्कोर बना सकते थे.’


ऑस्ट्रेलिया का आधा काम आसान कर दिया


ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मैच में टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा की सबसे बड़ी गलती ये रही कि उन्होंने इस मुकाबले में चार तेज गेंदबाजों को उतार दिया. रोहित शर्मा ने प्लेइंग इलेवन में उमेश यादव, शार्दुल ठाकुर, मोहम्मद शमी और मोहम्मद सिराज को शामिल कर लिया. ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज स्पिनरों के मुकाबले तेज गेंदबाजों को ज्यादा बेहतर तरीके से खेलते हैं. ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज तेज पिचों पर तेज गेंदबाजों को खेल-खेलकर पले-बढे़ हैं. ऐसे में रोहित शर्मा ने चार तेज गेंदबाजों को चुनकर ऑस्ट्रेलिया का आधा काम आसान कर दिया. 


तेज गेंदबाजी आक्रमण धारहीन दिखाई दिया


ट्रेविस हेड के तेज तर्रार शतक से भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण धारहीन दिखाई दिया. न तो उमेश यादव और न ही शार्दुल ठाकुर दमदार दिखे जिससे भारतीय गेंदबाजी आक्रमण दूसरे और तीसरे सत्र में पूरी तरह बेदम दिखा. चार तेज गेंदबाजों को चुनने से भारत को कोई मदद नहीं मिली. मार्नस लाबुशेन (26 रन) का विकेट 25वें ओवर में गिरा था, जिसके बाद स्मिथ और हेड ने दोपहर और शाम के सत्र में बल्लेबाजी के मुफीद पिच का फायदा उठाया. सिराज ने अपनी ओर से सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया लेकिन उमेश यादव और शार्दुल ठाकुर की तरह उनमें निरंतरता की कमी दिखी.