Sachin Tendulkar 1st International Century: भारतीय क्रिकेट टीम 1990 में इंग्लैंड के दौरे पर जाने वाली थी. टीम इंडिया में बदलाव की प्रक्रिया चल रही थी. युवा खिलाड़ियों को मौके देने की बात हो रही थी. उस समय सेलेक्शन कमेटी के हेड राज सिंह डूंगरपुर थे. उसी साल शुरू में मोहम्मद अजहरुद्दीन को भारत का कप्तान बना दिया गया. इसे देखकर सभी चौंक गए. इतना ही नहीं, अनिल कुंबले, संजीव शर्मा और सचिन तेंदुलकर जैसे युवा खिलाड़ियों को मौका दिया गया था.119* और 21 रन बनाए. 


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17 साल की उम्र में छा गए थे तेंदुलकर


स्कूल के दिनों में उनकी कई उपलब्धियों ने तेंदुलकर को उभरता सितारा बना दिया था. सितारों से सजी टीम इंग्लैंड पहुंची थी. नवजोत सिद्धू, रवि शास्त्री, संजय मांजरेकर, दिलीप वेंगसरकर, अजहरुद्दीन, कपिल देव, मनोज प्रभाकर और किरण मोरे जैसे मशहूर खिलाड़ी टीम में थे. इसके बावजूद सबका ध्यान तेंदुलकर पर था. वह 17 साल की उम्र में सबको प्रभावित कर रहे थे.


पाकिस्तान-न्यूजीलैंड के बाद इंग्लैंड दौरे पर गए थे सचिन


तेंदुलकर इंग्लैंड से पहले पाकिस्तान और न्यूजीलैंड का दौरा कर चुके थे. उस समय तक वह होमग्राउंड पर एक भी टेस्ट नहीं खेले थे. पाकिस्तान के खिलाफ 2 और न्यूजीलैंड के खिलाफ उन्होंने 1 अर्धशतक लगाया था. न्यूजीलैंड के नेपियर में वह अपने पहले शतक से चूक गए थे. वह 88 रन बनाकर आउट हो गए थे. अब सभी यह सोच रहे थे कि क्या इंग्लैंड में उनका बल्ला चल पाएगा या नहीं. भारत को 3 टेस्ट मैचों की सीरीज खेलनी थी.


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पहले टेस्ट में मिली थी हार


लॉर्ड्स में खेले गए पहले मुकाबले में टीम इंडिया को 247 रन से हार गई थी. इंग्लिश कप्तान ग्राहम गूच ने पहली पारी में 333 और दूसरी पारी में 123 रन बनाए थे. उनके अलावा इंग्लैंड के लिए पहली पारी में एलन लंब ने 139 और रॉबिन स्मिथ ने नाबाद 100 रन बनाए थे. इंग्लैंड ने पहली पारी में 4 विकेट पर 653 का स्कोर बनाया. इसके बाद भारत ने पहली पारी में 454 रन बनाए. कप्तान अजहरुद्दीन ने 121 और रवि शास्त्री ने 100 रन बनाए. दूसरी पारी में इंग्लिश टीम ने 4 विकेट पर 272 का स्कोर बनाया. भारतीय टीम दूसरी पारी में 224 रन पर सिमट गई. सचिन ने छठे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में 10 और दूसरी पारी में 27 रन बनाए थे. टीम इंडिया सीरीज में 0-1 से पीछे हो गई.


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अजहरुद्दीन ने लगाया था शतक


इसके बाद बारी ओल्ड टैफर्ड टेस्ट की आई. भारत की नजर सीरीज में बराबरी करने पर थी. मैनचेस्टर में पहली पारी में इंग्लैंड ने 519 रन बनाए. एक बार फिर ग्राहम गूच ने भारत के गेंदबाजों को छकाया. उन्होंने पहली पारी में 116 रन बनाए. माइक अथर्टन ने 131 और रॉबिन स्मिथ ने नाबाद 121 रन बनाए. इसके बाद भारतीय टीम ने पहली पारी में जोरदार टक्कर दी. कप्तान अजहरुद्दीन ने 179, संजय मांजरेकर ने 93 और सचिन तेंदुलकर ने 68 रन बनाए. इसके बाद दूसरी पारी में इंग्लैंड ने एलन लंब के 109 रन की बदौलत 320/4 का स्कोर बनाया.


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सचिन का पहला शतक


इंग्लैंड ने भारत को 408 रन का मुश्किल लक्ष्य दिया था. भारत के सामने आखिरी दिन मैच को ड्रॉ कराने की चुनौती थी. शास्त्री (12) और सिद्धू (0) के आउट होने के बाद मांजरेकर ने 50 और दिलीप वेंगसरकर ने 32 रन बनाकर टीम को संभाला. कप्तान अजहरुद्दीन 11 रन बनाकर आउट हो गए. यहां से तेंदुलकर ने वह करके दिखाया जिसका इंतजार लोगों को काफी समय से था. सचिन ने अपने इंटरनेशनल करियर का पहला शतक लगा दिया. सचिन ने 17 साल 112 दिन की आयु में पहली सेंचुरी लगा दी. वह 119 रन बनाकर नॉटआउट रहे. मनोज प्रभाकर ने नाबाद 67 रन बनाकर मैच को ड्रॉ कराने में सचिन का साथ दिया था. इसके बाद सीरीज का आखिरी मैच ओवल में ड्रॉ हो गया और इंग्लैंड ने सीरीज को 1-0 से अपने नाम किया. तेंदुलकर ने उस इंग्लैंड दौरे पर 3 टेस्ट की 5 पारियों में क्रमश: 10, 27, 68, 119* और 21 रन बनाए.