नई दिल्ली: भारत ने मंगलवार (5 मार्च) को वनडे क्रिकेट में अपनी 500वीं जीत (500th ODI Win) दर्ज की. उसने ऑस्ट्रेलिया (India vs Australia) को दूसरे वनडे में हराकर यह उपलब्धि हासिल की. इस बेहद रोमांचक मुकाबले का सबसे बड़ा हीरो वह खिलाड़ी रहा, जिसने इस मैच से पहले ना तो कभी विकेट लिया था और ना ही कभी फिफ्टी बनाई थी. जी हां, इस मैच में मैन ऑफ द मैच भले ही विराट कोहली (Virat Kohli) को मिला हो, लेकिन जीत के असली हीरो तो विजय शंकर ही रहे.


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तमिलनाडु के विजय शंकर  (Vijay Shankar) ने नागपुर में खेले गए दूसरे वनडे में मैच में 46 रन की दमदार पारी खेली. हालांकि, उनके खेल का जादुई रंग मैच के आखिरी ओवर में दिखा. इस ओवर में ऑस्ट्रेलिया को 11 रन बनाने थे. क्रीज पर मार्कस स्टोइनिस (Marcus Stoinis) थे, जो 52 रन की पारी खेलकर डटे हुए थे. भारत के पास इस ओवर में गेंदबाजी कराने के लिए दो विकल्प थे. पहले मीडियम पेसर विजय शंकर और दूसरा ऑफ स्पिनर केदार जाधव. 

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विजय शंकर आखिरी ओवर से पहले एक ओवर फेंक चुके थे, जिसमें 13 रन दिए थे. केदार जाधव ने 8 ओवर में 33 रन देकर एक विकेट लिया था. बहरहाल, कप्तान विराट कोहली ने विजय को गेंद सौंप दी. विजय अपना छठा मैच खेल रहे थे और उन्होंने अपने पूरे वनडे करियर में एक भी विकेट नहीं लिया था. जाहिर है, दबाव भारतीय गेंदबाज पर था. 


28 साल के विजय शंकर 120 से 130 किमी की रफ्तार से गेंदबाजी करते हैं. जब उनके हाथों में गेंद आई, तो क्रिकेटप्रेमियों को उनकी स्पीड के ही कारण ज्यादा चिंता हो रही थी. ऐसा लग रहा था कि स्टोइनिस उनकी गेंद पर आसानी से हिट लगा देंगे. और यहीं पर स्टोइनिस से गलती हो गई. वे मैच में पहली बार विजय के सामने थे. ना तो उन्हें विजय की स्पीड का अंदाजा था और ना ही लाइन-लेंथ का. इसके बावजूद वे यह प्लान कर बैठे थे कि बड़ी हिट लगानी है. 

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विजय शंकर भी आधे घंटे से आखिरी ओवर फेंकने की तैयारी कर रहे थे (उन्होंने मैच के बाद बताया). आखिरी ओवर फेंकने आए तो जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) ने उन्हें बताया कि गेंद को रिवर्स स्विंग मिल रही है. अब विजय का काम आसान हो गया. उन्होंने विकेट टू विकेट और फुल लेंथ गेंद डाली, जो रिवर्स स्विंग होकर थोड़ा अंदर झुकी. दूसरी ओर, स्टोइनिस फुललेंथ गेंद देखकर ललचाए और बड़ी हिट की तलाश में जोर से बल्ला घुमाया. उनका बल्ला घूमकर हवा में लहरा चुका था और गेंद पैड से टकराकर वहीं थम चुकी थी. चंद पलों के बाद अंपायर की उंगली आसमान की ओर उठी हुई थी, जहां तिरंगा लहरा रहा था. विजय शंकर की तीसरी गेंद यार्कर थी, जिसने सिर्फ डंडे नहीं बिखेरे, बल्कि ऑस्ट्रेलिया के अरमानों को भी बिखेर दिया था. बीसीसीआई ने इस ओवर का वीडियो ट्वीट किया है (देखने के लिए क्लिक करें) 




अंतत: भारत ने यह मैच 8 विकेट से जीता. यह वनडे क्रिकेट में भारत की 500वीं जीत है. उससे ज्यादा जीत सिर्फ ऑस्ट्रेलिया के खाते में दर्ज है. उसने 924 मैचों मसें 558 मे जीत दर्ज की है. भारत को 500 मैच जीतने के लिए 963 मुकाबलों में उतरना पड़ा है. भारत अब तक 414 वनडे मैचों में हारा है, जबकि ऑस्ट्रेलिया को 323 मैचों में हार मिली है.