नई दिल्ली: भारतीय एथलीट के डोपिंग मामले में फंसने की खबर सामने आई है. पिछले महीने दोहा एशियन चैम्पियनशिप में 800 मीटर में गोल्ड मेडल जीतने वाली महिला एथलीट गोमती मारिमुथु प्रतिबंधित पदार्थ के सेवन की दोषी पाई गई हैं. उनके सैंपल में नोरैनड्रोस्ट्रेरोन की मात्रा पाई गई है. 30 साल की गोमती यह मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं थी. 


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अस्थाई रूप से लगा प्रतिबंध
गोमती को इसी के चलते अस्थायी रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया है. उन पर चार साल का स्थायी प्रतिबंध लग सकता है. गोमती से उनके मेडल भी वापस छिन सकते हैं. पटियाला में 13 से 15 मार्च के बीच हुए फेडरेशन कप में राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने उनका यूरीन सैंपल लिया था. इसका परिक्षण राष्ट्रीय डोप प्रयोगशाला में हुआ था. 


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क्या होगा अगर बी सैंपल भी निकला पॉजिटिव
अगर गोमती का बी सैंपल भी सकारात्मक पाया जाता है तो उन पर चार साल का बैन लग सकता है. यह सजा ज्यादा नहीं है क्योंकि यह उनका पहला डोपिंग अपराध है. इसके अलावा भारत दोहा में हुई एशियन चैंपियनशिप का गोल्ड मेडल खो देगा. इस चैंपियनशिप में भारत के नाम तीन गोल्ड, सात सिल्वर और सात ब्रॉन्ज मेडल रहे थे. 


पोलैंड नहीं जा सकीं गोमती
एक अंग्रेजी समाचार पत्र ने भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) के अधिकारी के हवाले से लिखा है, "गोमती का पहला टेस्ट सकारात्मक रहा है." तमिलनाडु की इस खिलाड़ी को पोलैंड के स्पाला में जारी रिले कैम्प में हिस्सा लेने के लिए उड़ान भरनी थी लेकिन उनकी फ्लाइट रद्द कर दी गई साथ ही उन्हें बेंगलुरू में राष्ट्रीय शिविर में से जाने से भी कह दिया गया. 



कोच भाटिया ने किया खुद विवाद से अलग
उनके कोच जसविंदर सिंह भाटिया ने अपने आप को इस विवाद से अलग कर लिया है. भाटिया ने कहा, "फेडरेशन कप के बाद, वह शिविर के लिए चुनी गई थीं. वह कुछ समय के लिए मेरे साथ थीं क्योंकि उन्हें 13 अप्रैल को पटियाला में ट्रायल्स के लिए जाना था. वहां से वह दोहा चली गई थीं."
(इनपुट आईएएनएस)